आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मंडलीय जिला चिकित्सालय में व्याप्त दुर्व्यवस्था की शिकायतें तो आए दिन मिलती ही रहती हैं, लेकिन उस पर सोमवार को मंडलायुक्त मनीष चौहान के निरीक्षण में मुहर भी लग गई। कई डाक्टर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले, जिनका एक दिन का वेतन काटने के साथ स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया। यही नहीं उन्होंने प्रमुख चिकित्साधीक्षक के प्रति भी नाराजगी जताई और हर दिन उपस्थिति पंजिका चेक करने का निर्देश दिया।
औचक निरीक्षण के दौरान 22 चिकित्सक एवं कर्मचारी अनुपस्थित मिले। लगभग डेढ़ घंटे तक चले निरीक्षण के दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर, नेत्र विभाग, फिजीशियन कक्ष, हृदय रोग कक्ष, अल्ट्रासाउंड, ईएनटी वार्ड, जनरल सर्जन, ट्रामा सेंटर आदि के निरीक्षण के साथ उपस्थिति रजिस्टर को भी चेक किया गया। उपस्थिति रजिस्टर में कुल 6 चिकित्सक डा. एससी कन्नौजिया, डा. संजय गोंड़, डा. चंद्रहास कुमार, डा. पूनम कुमारी, डा. काशिफ असरार एवं डा. राघवेंद्र सिंह अनुपस्थित मिले। पैरा मेडिकल की उपस्थिति पंजिका की जांच में भी कुल 4 कर्मचारी अनुपस्थित थे, जिसमें आरएन गिरि, राकेश कुमार, उमेश चौरसिया, ऋचा सिंह शामिल हैं। इसी प्रकार ब्लड बैंक में 6 कर्मचारी डाली पांडेय, शंकर दुबे, पुष्पा पांडेय, चंदन उपाध्याय, रीना, सुमन एवं धर्मराज अनुपस्थित थे। मंडलायुक्त ने इसी क्रम में ई-हास्पिटल एवं जीएसएस पैरा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति का भी निरीक्षण किया, जिसमें ई-हास्पिटल में 3 कर्मचारी अजय प्रकाश सिंह, वीर नारायन सिंह एवं बृजेश चौहान अनुपस्थित थे, जबकि जीएसएस पैरा मेडिकल में 2 कर्मचारी हीरालाल व पंकज कुमार राजभर तथा वाहन चालकों में एक वाहन चालक एस यादव अनुपस्थित थे।
मंडलायुक्त ने बड़ी संख्या में स्टाफ की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने तथा स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करने हेतु प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. आमोद कुमार को निर्देशित किया। उन्होंने एसआइसी द्वारा उपस्थिति पंजिका को नियमित रूप से चेक नहीं किए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिया कि नियमित रूप से उपस्थिति पंजिका को चेक किया जाए। कहा कि यदि डाक्टर्स की शिफ्टवाइज ड्यूटी का चार्ट तैयार किया गया है तो उसे प्रदर्शित होना चाहिए। साथ ही उपस्थिति पंजिका में भी डाक्टर्स की ड्यूटी का विवरण अंकित कराया जाए। उन्होंने ईएनटी वार्ड, ट्रामा सेन्टर आदि वार्डों में भर्ती मरीजों से भी दवाओं और भोजन की उपलब्धता के संबंध में पूछताछ की, लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की। मंडलायुक्त ने निरीक्षण के दौरान कतिपय स्थानों पर पुराना सामान रखा पाया, जिस पर तत्काल उसकी नियमानुसार नीलामी की कार्रवाई करने तथा अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ओपीडी में मरीजों को उनके नम्बर के अनुसार ही देखा जाए। इलेक्ट्रानिक डिस्पले पर मरीजों का नंबर प्रदर्शित किए जाने का भी निर्देश दिया।
रिपोर्ट-सुबास लाल