आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने सोमवार को अपने कार्यालय सभागार में आयोजित विकास कार्यक्रमों की मण्डलीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकास कार्यक्रमों की निरन्तर मानीटरिंग करते हुए लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति बनाये रखी जाय।
उन्होंने मुख्यमन्त्री डैशबोर्ड पर प्रदर्शित प्रगति के आधार पर समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों के सम्पादन में यदि कहीं कोई समस्या आती है तो तत्काल उच्च अधिकारियों को संज्ञानित कराते हुए उसका समयबद्ध निराकरण कराय जाय। किसी भी दशा में कार्य बाधित नहीं होना चाहिए। उक्त समीक्षा बैठक में अधीक्षण अभियन्ता, सिंचाई, एडी बेसिक, आरएम पीसीएफ एवं अपर निदेशक, पशुपालन उपस्थित नहीं हुए। मण्डलायुक्त ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित चारो अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है।
उन्होंने विकास कार्यक्रमों की विभागवार समीक्षा में पाया कि आईजीआरएस सन्दर्भों के निस्तारण में मण्डलायुक्त कार्यालय प्रथम स्थान पर है, जबकि जनपदों की रैंकिंग कम है। इस सम्बन्ध में उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों से इस ओर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जिलाधिकारी आजमगढ़ विशाल भारद्वाज, जिलाधिकारी मऊ अरुण कुमार, जिलाधिकारी बलिया रवीन्द्र कुमार, अपर आयुक्त (प्रशासन) केके अवस्थी, सीडीओ आज़मगढ़ परीक्षित खटाना, सीडीओ मऊ प्रशान्त नागर, सीडीओ बलिया ओजस्वी राज संयुक्त विकास आयुक्त एमएन पाण्डेय, मुख्य अभियन्ता, विद्युत आशुतोष श्रीवास्तव, मण्डलीय अर्थ एवं संख्याधिकारी डा.नीरज श्रीवास्तव, उप निदेशक, समाज कल्याण आरके चौरसिया, संभागीय खाद्य नियन्त्रक राममूर्ति पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त, उद्योग निरंजन चतुर्वेदी सहित अन्य विभागों के मण्डलीय अधिकारी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार