आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजनान्तर्गत कृषक उत्पादक संगठनों की कार्यक्षमता में वृद्धि हेतु मण्डल स्तरीय कार्यशाला रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन मण्डलायुक्त मनीष चौहान की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटवा में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आयुक्त द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। आयुक्त महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में बताया गया कि एफपीओ हेतु सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है तथा डेयरी, बीज उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, इत्यादि क्षेत्रों में एफ0पी0ओ0 के लिये बहुत अच्छा अवसर है। शक्ति पोर्टल पर उपलब्ध आंकडों के अनुसार आजमगढ में 19, मऊ में 13 तथा बलिया में 60 एफ0पी0ओ0 पंजीकृत हो चुके हैं।
कार्यशाला में उपस्थित डा. अपूर्व सिंह ने बताया कि एफपीओ किसानों द्वारा बनाया गया एक स्वयं सहायता समूह है, जहां किसान ही किसान को मदद करते हैं। एफपीओ से जुडे कृषकों को उनके विजनेस माडल के आधार पर सस्ते दामों पर बीज, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, मशीनरी, ग्रीन हाउस, पाली हाउस, कृषि तकनीक, मार्केट लिंकेज, नेटवर्किग, आर्थिक मदद तथा तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाता है, ताकि एफ0पी0ओ0 से जुडे किसानों की आय बढ सके और वे आत्मनिर्भर बन सके।
जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषकों की आय दोगुना करना एक राष्ट्रीय संकल्प है, जिसमें एफपीओ का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। एफपीओ को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिये तथा बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए लीडरशीप, प्रक्रियाओं का ज्ञान तथा मार्केट की समझ को बढाना बहुत आवश्यक है। एफपीओ का गठन एवं संचालन मात्र अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिये नहीं, बल्कि एक सफल बिजनेस माडल के आधार पर किया जाना चाहिये ।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार