आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के निर्देशन में एवं जिला विज्ञान क्लब आजमगढ़ के तत्वाधान में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, जाफरपुर में ’वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान’ विषय पर जनपद स्तरीय मॉडल प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज द्वारा फीता काटकर एवं मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि बच्चों की वैज्ञानिक सोच से ही जनपद का विकास संभव हो सकेगा। विद्यार्थी अपने अंदर वैज्ञानिक सोच जरूर विकसित करें। उन्हांेने बच्चों के मॉडल को देखा और उनकी सराहना की। जिलाधिकारी ने कहा कि विज्ञान में जब हम थ्योरी के आधार पर कोई ऐसा उपकरण बनाते हैं, जो आम जनमानस के लिए उपयोगी हो, तो वह विज्ञान के विज्ञार्थी की ओर से विज्ञान के लिए सबसे अच्छा उपहार है।
जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक इं.कुलभूषण सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा व उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि 2023 की राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” है। उन्होने बताया कि जनपद से, विभिन्न स्कूलों से आये हुए बच्चों में से श्रेष्ठ 15 मॉडल जनपद स्तर पर चुने गये। उन्होने बताया कि मण्डलीय स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 25 मार्च को आयोजित की जायेगी। जनपद स्तर पर चयनित आजमगढ़, मऊ एवं बलिया के 15-15 मॉडल की प्रतियोगिता करायी जायेगी। जिसमें से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 10 मॉडलों का चयन किया जायेगा। इस अवसर पर इं.प्रेमानन्द पटेल, इं0.अरविन्द यादव, इं.अनुराग द्विवेदी, जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज मिश्रा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल सिंह व डॉयट वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र प्रताप सिंह, अराधना राय, प्रिती गोंड़, निरूपमा एवं मनीष गिरी आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉयट प्रवक्ता आशुतोष श्रीवास्तव ने किया।
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इन्हें किया गया पुरस्कृत
आजमगढ़। प्रतियोगिता के दौरान प्रथम स्थान राजकीय बालिका इण्टर कालेज की विशाखा यादव को 3000 रुपए, द्वितीय स्थान राजकीय बालिका इण्टर कालेज की अंजू यादव को 2000 व तृतीय स्थान प्रतिभा निकेतन स्कूल से शिवम राज को एक हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया। वैज्ञानिक सोच विकसित करने की सलाह देते हुए कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं का यथासंभव वैज्ञानिक हल ढूंढने की कोशिश करनी चाहिये। यदि हम ऐसा करते हैं तो सही मायनों में हम वैज्ञानिक सोच की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार