आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कलेक्ट्रेट सभागार में वर्षा ऋतु के समय सबसे ज्यादा घटित होने वाली आपदाओं, जिसमें सर्पदंश, आकाशीय विद्युत, पानी में डूबना तथा बाढ़ विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें थोड़ी सी सावधानी बरत कर आपदाओं को न्यूनतम किया जा सकता है।
प्रशिक्षण में स्काउट गाइड के बच्चों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से आकाशीय विद्युत बाढ़ सर्पदंश एवं डूबने से बचाव हेतु आपदा विशेषज्ञ डॉ चंदन कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में आकाशीय विद्युत के दौरान क्या करें क्या ना करें एवं सचेत, दामिनी तथा आपदा प्रहरी एप के बारे में बताया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि यह भारत सरकार द्वारा डेवलप किया गया है, जो आकाशीय विद्युत आंधी तूफान तथा वर्षा की सूचना समय से पूर्व देता है, जिसकी जानकारी प्राप्त कर खुद एवं दूसरे लोगों की जान बचाई जा सकती है। सर्पदंश को लेकर बताया गया कि वर्तमान में बारिश के वजह से नदियों तालाबों एवं पोखरो का जलस्तर बढ़ता है, जिसके कारण विषैले सांप ऊंचे एवं सूखे क्षेत्रों में आते हैं, जिसके कारण वह मनुष्य के संपर्क में आते हैं और सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए तथा सर्पदंश से होने वाले मृत्यु को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि हम सजग रहें सर्पदंश होने के दौरान क्या करें क्या ना करें इसकी जानकारी रखें तथा बिना किसी झाड़-फूंक में समय बर्बाद किए हम डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज कराएं। वर्तमान में वर्षा होने के कारण सभी नदी नाले एवं जलाशय पूर्ण रूप से भरे हुए हैं, जिसके कारण पानी में डूब कर होने वाली मृत्यु की सूचना पर आया सुनाई देती है, इस संबंध में बताया गया कि खुद एवं बच्चों को पानी के पास ना भेजें, नहाने से रोके तथा रात के समय जलाशयों के पास भ्रमण ना करें। बाढ़ के दौरान शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह ने बताया कि वर्तमान में आकाशीय विद्युत की घटनाएं अत्यधिक घटित हो रही हैं, जिसे कम करने के लिए हम सबको सजग रहना होगा एवं क्या करें क्या ना करें कि सूचना हर घर तक पहुंचानी होंगी। आम जनमानस को जागरूक करके इन आपदाओं से होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार