अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सामुदायिक भवन नदौली में बालिकाओं के साथ जेंडर भेदभाव, सुरक्षा व सम्मान पर संवाद आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजदेव चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा ही विकास और जागरुकता की कुंजी है, जिससे हमारी बेटियां हर सफलता को हासिल कर सकती हैं। राजदेव ने बेटियों को साक्षर, शिक्षित, स्वावलंबी, तकनीकी रूप से दक्ष और समझदार बनने और बनाने की सलाह दी। उन्होंने गुड टच व बैड टच पर चर्चा करते हुए कहा कि लिंग आधारित भेदभाव हमारे समाज में जाने-अनजाने बचपन से ही आरंभ हो जाते हैं। यह भेदभाव आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण के कारण भी होता है। उन्होंने बताया कि हममें से ज्यादा लोग बच्चियों को खेलने के लिए किचन सेट या गुड़िया देते हैं। वहीं बालकों को बंदूक और मोटर कार जैसे खिलौने लाकर देते हैं। इस प्रकार हम बच्चों के कोमल मन में शुरू से ही लिंग भेद का संकेत बैठा देते हैं। कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब लिंग आधारित भेदभाव और असमानता का विरोध करें, ताकि बेटियों और महिलाओं को भी जीने का समान अवसर व वातावरण मिल सके। गर्ल आइकन के रूप में चयनित किशोरियों अन्नू, गीतू तथा उजाला द्वारा मिलान फाउंडेशन के कार्यक्रम के बारे में बताया गया।
रिपोर्ट-आशीष निषाद