निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय गुरुद्वारा में रविवार को श्रद्धालु जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल, वाहे गुरु दी खालसा, वाहे गुरु दी फतेह के जयकारे लगाते रहे। ऐतिहासिक गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय गुरुमत समागम व सालाना जोड़ मेला समाप्त हो गया। गुरुद्वारा दरबार साहिब व गुरु नानक घाट पर अखंड पाठ समाप्त हुआ। देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज के दरबार में हाजिरी लगाकर ऐतिहासिक गुरुद्वारे का दर्शन किया। लंगर हाल में दिनभर अटूट लंगर चलता रहा। जहां सभी श्रद्धालुओं ने पहुंचकर लंगर छका।
गुरुद्वारे को दुल्हन की तरह सजाया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से आई संगतों ने दुखभंजन कुएं के जल से स्नान कर गुरु दरबार में पहुंच कर मत्था टेका। वहीं संगतों के रुकने के लिए दीवान हाल, नानक घाट पर प्रबंध किया गया है। उनके लिए चाय-पकौड़े से लेकर लंगर तक की व्यवस्था की गई है। लोगों का लंबा सफर फिर भी चेहरे का उत्साह के भाव चेहरे पर थकावट कहीं नहीं दिख रही थी। लोग अपने कंधों पर भारी भरकम बैग टांगे परिवार के साथ जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, वाहे गुरु दी खालसा, वाहे गुरु दी फतेह के जयकारे के साथ गुरुद्वारे की तरफ अपने कदम बढ़ाते जा रहे थे। संगतों के उद्घोष से पूरा कस्बा भक्तिमय हो गया। कस्बे में ध्वनि विस्तारक के माध्यम से गुरुवाणी का प्रसारण किया जाता रहा। गुरु का ताल आगरा के संत बाबा राजेन्द्र सिंह व उनके लोग स्वयं मेले की व्यवस्था देखते रहे। संत बाबा राजेन्द्र सिंह ने बताया कि नगर में सिख संगत न होने के बाद भी यहां के लोगों की गुरुद्वारा साहिब में पूरी आस्था है। सालाना जोड़ मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए निजामाबाद पुलिस के साथ भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र