फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। फूलपुर क्षेत्र के पौराणिक स्थल दुर्वासा धाम के तमसा मंजूषा संगम में घाटों पर मौनी अमावस्या पर बुधवार को भोर से ही श्रद्धालुओं ने स्नान ध्यान किया। जो देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दर्शन पूजन और दान किया।
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने पौराणिक स्थल दुर्वाषा धाम के तमसा मंजूषा तट पर श्रद्धा की डुबकी लगायी। दूर दराज और अन्य जिलों से आये श्रद्धालुओं ने संगम तट पर भोर से ही श्रद्धालु भक्तों का स्नान करने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। स्नान देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने जल, अन्न, गुड, तिल और वस्त्र और द्रव्य दान किया। शिव के गर्भ गृह में पहुंचकर जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, मधु, गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया और ऋषि दुर्वासा के तपोस्थली पर जाकर आशीर्वाद लिया। गोस्वामी समाज के अध्यक्ष प्रेमचंद गिरी और मंदिर के पुजारी श्रीराम गिरी ने बताया कि मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करने का कई पुण्य मिलता है। नाना प्रकार के क्लेश आदि का निवारण होता है और खासकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने से विभिन्न अनिष्टकारी ग्रह बाधा दूर होती है। मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि सुबह से ही मंदिर पर मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी और संगम में लोगों शाम तक डुबकी लगते रहे। हर हर महादेव के जयकारे से पूरा परिसर गूंजता रहा। सुरक्षा की दृष्टि से फूलपुर कोतवाल सचिदानंद यादव पुलिस बल के साथ लगे रहे।
रानी की सराय प्रतिनिधि के अनुसार-मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर क्षेत्र की अवंतिकापुरी आवंक मे बुद्ववार को आस्था की डूबकी लगी। स्नान के लिए श्रद्वालुओं की काफी भीड रही। भोर से ही स्नान का क्रम शुरु हो गया। लोगो ने स्नान कर मंदिर मे पूजन किया। जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा। राजा जन्मेजय की नाग महायज्ञ भूमि पर स्थित सरोवर मे स्नान का विशेष महत्व रहता है। बुद्ववार को भोर से ही श्रद्वालु यहा स्नान के लिए पहुचने लगे। जयघोष के बीच स्नान चलता रहा। स्नान के बाद मंदिर मे लोगो ने पूजन अर्चन किया। मंदिर के आस पास दुकाने लगी रही और मेले मे लोगो ने खरीदारी भी की। मंदिर परिसर में भी काफी भीड़ रही।व् यवस्था के लिए अवंतिका सेवा समिति के लोग भी चक्रमण करते रहे।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय/प्रदीप वर्मा