लालगंज आजमगढ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर पंचायत के सिविल लाइन्स में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें व समापन दिवस शुक्रवार को कथावाचक आराधना देवी ने आयोजक डा. सत्यप्रिय सिंह के संयोजकत्व में यजमान इंद्रसेन सिंह, सरोज सिंह, पीयूष पांडेय, शशि पांडेय, अतुल सिंह, अर्चना सिंह, नीरज सिंह, व जय चौहान, लक्ष्मी चौहान ने नगरवासियों के साथ आरती-पूजन के साथ श्रीराम कथा का शुभारम्भ किया।
कथावाचक आराधना देवी ने संगीतमय श्रीराम कथा में राज्याभिषेक की कथा सुनायी। उन्होंने कहा कि सूर्पणखा के पति की हत्या रावण ने की थी। इसलिए सूर्पणखा रावण का विनाश चाहती थी। भगवान राम से रावण की शत्रुता का कारण वह बनी। जब खरदूषण के वध की बात सूर्पणखा ने रावण को सुनाई तो रावण समझ गया कि भगवान का अवतार हो गया। रावण को विभीषण से प्रेम था। इसलिए उसे अपमानित कर सभा से निकाल दिया। ताकि लंका से दूर चला जाए व युद्ध में मारा न जाए। वह जानता था कि लंका के सारे योद्धा मारे जाएंगे। लंका की सत्ता संभालने के लिए रावण विभीषण को जिंदा रखना चाहता था। भगवान राम ने रावण के सारे योद्धाओं, परिजनों व दैत्य सेना को मारकर उद्धार किया। विभीषण को राजतिलक देकर सीता व लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जांमवन्त, अंगद आदि के साथ अयोध्या आए। अयोध्या में खुशियां मनाई गई व भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद