आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आमतौर पर देखा जाता है कि सरकारी शिक्षकों के बच्चों का दाखिला कान्वेंट स्कूल में कराया जाता है, तो सरकारी डाक्टर अपने लिए किसी प्राइवेट अस्पताल की सलाह लेते हैं, लेकिन यहां संपन्नता के बावजूद एक सरकारी महिला डाक्टर ने सरकारी अस्पताल पर भरोसा किया और अस्पताल प्रशासन ने उनके भरोसे को पूरा भी किया। सीएचसी की महिला डाक्टर ने महापंडित राहुल सांकृत्यायन जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया और सोमवार को खुशियां समेटे परिवार के साथ घर लौटीं, सीएमएस ने शुभकामना के साथ बधाई दी।
बलिया जिले की रहने वाली डा. बबिता यादव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाटघाट में डेंटल सर्जन हैं। केजीएमसी से एमडीएस डा. बबिता ने कभी प्रशासनिक कार्य से महापंडित राहुल सांकृत्यायन जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. विनय सिंह यादव से बात की थी। जब वह खुद गर्भवती हुईं तो जिले के बारे में बहुत जानकारी न होने के कारण डा. विनय से ही सलाह ली। इस पर उन्होंने महिला अस्पताल में प्रसव कराने की सलाह दी। डा. बबिता ने भी उनकी बातों पर भरोसा किया और समय आने पर यहां 19 मार्च को भर्ती हुईं। यहां तैनात डा. श्वेता राय की देखरेख में आपरेशन से बबिता ने पहले बेटे को जन्म दिया। सोमवार को उन्हें कुछ जरूरी सलाह के साथ डिस्चार्ज किया गया, तो जाते समय उन्होंने स्टाफ को मिष्ठड्ढान खिलाकर अपनी खुशियां साझा की। उनके पति डा. अभिषेक कुमार यादव ने बताया कि बबिता की नियुक्ति साल भर पहले हुई थी, जबकि मंडलीय जिला अस्पताल में उनकी नियुक्ति अभी हाल ही में ब्लड बैंक में हुई है। मंडलीय अस्पताल के लोगों ने महिला अस्पताल में इस समय उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देने के साथ प्रसव के लिए यहीं आने की सलाह दी थी। वाकई यहां जिस तरह की सुविधा मिली वह शायद पैसा खर्च करने के बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिल पातीं। वैसे सभी सरकारी अस्पतालों में सरकार की ओर से सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन लोग अक्सर प्राइवेट अस्पतालों का रुख करते हैं। यहां लगा कि सभी में सेवा का जज्बा है, जो चिकित्सा स्टाफ में होना बहुत जरूरी है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार