फरिहां आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र के किसानों ने शारदा सहायक खंड 32 की नहर में सैफन (कुलाबा) न लगाए जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए संपूर्ण समाधान दिवस में भाग लिया और अधिकारियों को अपनी पीड़ा से अवगत कराया। किसानों का कहना है कि नहर में पानी तो उपलब्ध है, लेकिन सैफन न होने की वजह से सिंचाई नहीं हो पा रही है। नतीजतन, पानी होते हुए भी खेत सूख रहे हैं और फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
किसानों ने बताया कि लगभग तीन किलोमीटर तक नहर में एक भी सैफन चालू नहीं है। कुछ कुलाबा मिट्टी में दब चुके हैं, कुछ क्षतिग्रस्त होकर टूट चुके हैं। विभाग को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें देने के बावजूद अब तक इनकी मरम्मत या पुनः स्थापना नहीं की गई है। यह स्थिति नहर विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है।
क्षेत्रीय किसान लालमनि, रामशकल, नन्हू, हारुन, शंकर, तैयब, बृजराज आदि ने बताया कि पहले विभाग द्वारा नहर में लगभग 7 से 8 कुलाबा लगाए गए थे, लेकिन समय के साथ उनकी देखरेख न होने से वे बेकार हो गए। इनकी मरम्मत न होने के कारण किसानों को गंभीर सिंचाई संकट का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों के अनुसार लगभग 100 एकड़ क्षेत्रफल में फैली खेती नहर के पानी पर निर्भर है, लेकिन सैफन के अभाव में सिंचाई संभव नहीं हो पा रही है। संपूर्ण समाधान दिवस के प्रभारी अधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता, शारदा सहायक खंड 32 को निर्देशित किया कि प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई करें।
रिपोर्ट-जयहिंद यादव