विश्व हिन्दू सेना प्रमुख अरुण पाठक ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजा पत्र
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। विश्व हिन्दू सेना प्रमुख अरुण पाठक ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय मुख्य सचिव, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री यूपी, राज्यपाल यूपी, पुलिस महानिदेशक यूपी, मानवाधिकार आयोग यूपी, एडीजी जोन वाराणसी, आईजी रेंज वाराणसी सहित विहिसे की संरक्षक और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की राज्य अध्यक्ष राजश्री चौधरी के नाम पत्रक जारी करते हुए भेलूपुर एसीपी प्रवीण सिंह सहित उनके दो साथियों के खिलाफ लूट, फर्जी मुकदमे लादने की धमकी व अपमानित करने के मद में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
बतादें, अरुण पाठक के अनुसार, बीते आठ अगस्त को भेलूपुर एसीपी ने उन्हें अस्सी घाट से गिरफ्तार कर चितईपुर थाना ले आए। यहाँ उन्होंने मेरी तलाशी लेकर पाँच सौ के 30 नोट (15 हजार रुपये) और हाथ की उंगली से पाँच ग्रामी के सोने की अंगूठी निकाल ली। इसके बाद उन्होंने अपने दो साथियों से मुझे भेलूपुर थाने ले जाने को कहा। इसके पहले उन्होंने मुझे मारा जिसकी मेडिकल रिपोर्ट भी हुई थी। भेलूपुर एसीपी ने मेरे परिवार को भी भला-बुरा कहते हुए भीख मंगवाने की धमकी दी। भेलूपुर थाने पर मेरे गुरु भाई सम्पतकुमाराचार्य सहित कार्यकर्ताओं को भी अपमानित किया गया। पत्र में अरुण पाठक ने कहा है कि भेलूपुर एसीपी मुझसे दुर्भावना रखते हैं इसकी जानकारी मैंने पूर्व में ही रजिस्टर्ड डाक से आपको (पुलिस आयुक्त वाराणसी) को दी थी। आठ अगस्त को माँ शृंगार गौरी के दर्शन की सूचना मैंने पत्र के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को भी दी थी। बावजूद इसके भेलूपुर एसीपी की यह भूमिका संदिग्ध है। जानकारी देने के बावजूद इसके भेलूपुर एसीपी प्रवीण सिंह को इस कार्यक्रम से नहीं हटाया गया।
पत्र में विहिसे प्रमुख ने कहा है कि उन्हें 25 माह से सिर्फ प्रताड़ित किया जा रहा है। पांच मुकदमें भी दर्ज कर दिए गए जिनमें तीन मुकदमों में माननीय जिला न्यायालय से एंटीसिपेटरी बिल और अन्य दो मुकदमों में माननीय उच्च न्यायालय से अरेस्ट स्टे का आदेश है। मेरे जेल से निकले से कुछ दिन पूर्व कौस्तुभ त्रिपाठी नामक युवक ने फर्जी तरीके से मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। जबकि इसके खिलाफ 2020 मैंने अपना लैपटॉप चुराने का मुकदमा दर्ज करवाया था जिसमें मैं वादी हूँ और पुलिस ने इसी कौस्तुभ त्रिपाठी से लैपटॉप बरामद कर मुझे सौंपा था। इतना ही नहीं इसी कौस्तुभ त्रिपाठी और पुलिस द्वारा दबाव बनाए जाने पर मेरी मुँहबोली बहन अन्नपूर्णा सिंह को मिसगाइड करके दूसरा मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। अन्नपूर्णा सिंह का माफीनामा वाला वीडियो वायरल हो गया है। इस मामले की सच्चाई क्या है, वे अन्नपूर्णा सिंह ने खुद ही बता दिया। उन्होंने हलफनामा में यह भी बताया कि कौस्तुभ और पुलिस ने दबाव बनाकर उन्हें मुकदमें के लिए राजी किया। यह सब फर्जी तरीके से किया गया है। अरुण पाठक ने बताया कि भेलूपुर एसीपी मुझसे दुर्भावना रखते हैं इसलिए आगे भी वे फर्जी केस दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से शासन प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए भेलूपुर एसीपी सहित उनके दो साथियों के खिलाफ जांच बैठाकर लूट, गैंगस्टर सहित अन्य मामले में मुकदमें दर्ज किए जाएं।