आजमगढ (सृष्टिमीडिया)़। अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम को अनुदान पर लेकर उनमें कार्यरत अनुमोदित शिक्षकों को नियमित किए जाने के संबंध में शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शैलेश पाठक की अध्यक्षता में शिक्षकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
सौंपे गये ज्ञापन में शिक्षकों ने बताया कि प्रदेश के लगभग 3000 अनुदानित महाविद्यालयों के अनुमोदित स्ववितपोषित शिक्षक जो 15 से 20 वर्षों से शिक्षण कार्य एक ही छत के नीचे कर रहे हैं और उन्हें दोयम दर्जे के तहत दोहरी व्यवस्था के तहत देखा जाता है। कई शिक्षक इस व्यवस्था के साथ ही काल कलवीत हो गए। कुछ ने आत्महत्या कर ली। कई सेवानिवृत्त हो गए और आधे से ज्यादा शिक्षक 40 से 50 वर्ष के ऊपर हो गए हैं। भौतिक सत्यापन की स्थिति में शिक्षकों की संभावित संख्या 2000 से अधिक की नहीं है। फिर भी अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम की दोहरी व्यवस्था निरंतर जारी है। इस योजना पर तत्काल रोक लगाकर शिक्षकों का विनियमितीकरण कर समान कार्य समान वेतन व्यवस्था लागू किया जाय। जिससे प्रदेश के शिक्षकों को जीवनदान मिल सके। ज्ञापन देने वालों में शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ.विनोद कुमार सिंह, डॉ.आरके मौर्य आदि शामिल थे।
रिपोर्ट-प्रमोद कुमार यादव