बोधगया मंदिर एक्ट को रद्द करने की मांग

शेयर करे

कप्तानगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ओबीसी महासभा ने महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष दिवाकर मौर्य ने बताया कि बिहार सरकार ने 6 जुलाई 1949 को बोधगया टेम्पल एक्ट लागू किया था। इस एक्ट के तहत महाबोधि बुद्ध विहार के प्रबंधन में अन्य धर्म के लोगों को भी शामिल किया गया।
उन्होंने कहा कि इससे बौद्ध विरासत को नुकसान पहुंच रहा है। बौद्ध नेताओं का कहना है कि विहार परिसर में अन्य धर्मों की छोटी-बड़ी मूर्तियां स्थापित कर पूजा-पाठ किया जा रहा है। यह बौद्ध समाज की मान्यताओं का अपमान है। महाबोधि विहार दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है। दिनेश ने बताया कि बोधगया टेम्पल एक्ट को समाप्त करने और महाबोधि विहार का प्रबंधन पूरी तरह बौद्ध समाज को सौंपने की मांग को लेकर देश-विदेश में आंदोलन चल रहा है। इस मुद्दे पर बौद्ध समाज में आक्रोश है। ज्ञापन देने वालों में संतोष, वीरेंद्र, महेंद्र, योगेश, अर्पित, अभिषेक, बाबूलाल सोनकर, साहब सिंह, सिकंदर, प्रमोद आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट-विजय कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *