आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बरदह थाना क्षेत्र के उदियावां गांव स्थित इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय परिसर में बुधवार की सुबह कक्षा की खिड़की से गमछे के सहारे युवक का शव लटकता देख सनसनी फैल गई। मृतक की शिनाख्त इसी गांव के रत्नेश उर्फ मोनू तिवारी 36 वर्ष पुत्र देवेंद्र तिवारी के रूप में की गई। घटना के बाद जहां पूरे परिवार में कोहराम मच गया, वहीं गांव के अन्य लोग भी स्तब्ध थे।
सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम काफी देर तक जांच करती रही, लेकिन कुछ स्पष्ट नहीं हो सका था। हालांकि हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार था। रोज की भांति सुबह विद्यालय खुलने पर गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाने की तैयारी शुरू भी नहीं हुई थी कि किसी छात्र की नजर खिड़की से लटक रहे शव पर पड़ी। बच्चे ने शोर मचाते हुए शिक्षकों को सूचना दी। शव मिलने की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ विद्यालय पहुंच गई। थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह भी फोर्स के साथ पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने भी देर तक जांच-पड़ताल की। हालांकि पुलिस हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी रही, जबकि परिजनों का आरोप है कि रत्नेश उर्फ मोनू की हत्या की गई है। एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वैसे घटना के बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मृतक के भाई विमल तिवारी ने पोस्टमार्टम के लिए तहरीर दी।
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पत्नी और बच्चों की चीख सुन सबकी आंखों से बहने लगी अश्रुधारा
आजमगढ़। रत्नेश उर्फ मोनू तिवारी की मौत के बाद परिवार की स्थिति काफी असहज दिखी। पत्नी और तीन बच्चों की चीख सुन सभी की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। हर कोई यही कह रहा था कि पत्नी मीना की जिंदगी पति के बिना कैसे कटेगी और उसके तीन बच्चों को कौन संभालेगा। वहीं पत्नी मीना व मां माधुरी का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार एक ही बात कहे जा रही थीं कि अब पहाड़ जैसी जिंदगी किसके सहारे कटेगी। मीना के तीन बेटे कृष्णा 10 वर्ष, दाऊ 8 वर्ष व सौभाग्य 5 वर्ष भी घटना को समझने की कोशिश कर रहे थे और जब कुछ नहीं समझ आ रहा था तो एक- दूसरे से लिपटकर रो रहे थे। मोनू भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे। पिता घर पर रहकर खेती करते हैं।
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काश! बदल गया होता एक महीने से जला ट्रांसफार्मर
आजमगढ़। उदियावा मुख्य गांव की सप्लाई देने के लिए लगाया गया 63 केवी का एक ट्रांसफार्मर एक महीने से जला है। इस कारण रत्नेश विद्यालय के सामने अपनी पाही पर भोर में 4 बजे घर से उठकर मोबाइल चार्ज में लगाने के लिए जाते थे। ग्रामीणों के इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही थी कि यदि ट्रांसफार्मर सही होता और मोनू अपने घर में होते तो शायद ऐसा नहीं होता।
रिपोर्ट-सुबास लाल