लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय विकास खंड के मई गांव स्थित आत्म अनुसंधान आश्रम परिसर के जया विजया सभागार में आदि गुरु दत्तात्रेय की जयन्ती पर एक गोष्ठी हुई। बाबा विशाल भारत ने अपने आर्शीवचन में कहा कि मैं आदिगुरु दत्त दिगम्बर को प्रणाम करता हूं जिन्होने महातत्व को धरती पर जाने के लिए बाध्य किया, अवसर उपलब्ध कराया।
उन्होंने कहा कि महार्षि अत्रि व सती अनसुईया के पुत्र के रूप में दत्त दिगम्बर का प्राकट्य हुआ था। दत्त दिगम्बर ने अपने समय काल में 24 गुरू बनाया वैसा समय काल तो नही है। पहले लोग संबंधों में ईष्या-द्वेष करते थे। जब दत्त दिगम्बर पंचभूत शरीर मंे आये थे। काल खण्ड, किस युग में थे। कलयुग, द्वापर, त्रेता या कलयुग मंे थे। कैसा समय था। आज मनुष्य योनि हो, बनस्पतियां, लताएं, पशु योनि हो सभी अपना धर्म गुण छोड़ चुके हैं। कार्यक्रम को अनिल भूषण, रमाकांत सिंह, कैलाश नाथ तिवारी, पूनम तिवारी, सूर्य प्रकाश शुक्ला, बीएन सिंह सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। इस अवसर पर तरुण कुमार सिंह उर्फ गुड्डू, शमशेर सिंह, दिवाकर राय, आचार्य सर्वेश, विजयधर राय, सन्तोष कुमार पाठक, नीरज सिंह, धनन्जय, बलबन्त सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दिनेश तिवारी ने मंगलचरण से किया। संचालन पूर्व प्रधानाचार्य रामनयन सिंह ने किया।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद