लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील के दौना जेहतमंदपुर में 14 बच्चों के हिफ्ज़ मुकम्मल करने पर दस्तरबंदी व जलसा का आयोजन किया गया। इस मौके पर फारसी व अरबी के बच्चों ने दहेज व तलाक पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मामूली बात पर तलाक जैसा गलत कदम उठाने के खतरनाक परिणाम से अवगत कराने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर तकरीर ने उपस्थित लोगों को सोचने और समझने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर मदरसा पयामे हक दौना जेहतमंदपुर के संरक्षक मौलाना तौफीक अहमद जौनपुरी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बैठक आयोजित करने का उद्देश्य लोगों में यह भावना पैदा करना होता है कि हमारे बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण करके हाफिज आलिम और विद्वान आदि बनें।
मौलाना अबूज़र मदनी उस्ताद जमेअतुर्रशाद आजमगढ़ ने कहा कि कुरान अल्लाह की सच्ची किताब है। इसे समझ कर पढ़ने से दिलों की जंग दूर होती है। अल्लाह तआला अपने बंदों से क्या कहता है, यह जानने के लिए कुरान को अनुवाद के साथ पढ़ना चाहिए और इसकी लिखी बात को व्यावहारिक जीवन में लागू करना चाहिए। कार्यक्रम को मौलाना तौफीक अहमद कासमी, कारी महमूद बलियावी उस्ताद जामिया हुसैनिया लाल दरवाजा, जौनपुर, मौलाना लईक अहमद ने भी संबोधित किया। इस मौके पर इरफान अहमद, हाफिज निसार अहमद, मुफ्ती शोएब, मौलाना हबीबुर्रहमान, शहाबुद्दीन आदि मौजूद रहे।
इनसेट–
इनकी हुई दस्तरबंदी
लालगंज (आजमगढ़)। अबू इंजमाम दौना, अब्दुल अलीम, मुहम्मद हबीबुल्लाह, मुहम्मद अहमद, उमैर आजम, सोहैब आजम, मुहम्मद राशिद, मुहम्मद फ़राज़, अब्दुल्ला, मुहम्मद, अब्दुल्ला, मुहम्मद यासिर, मुहम्मद अरक़म, मुहम्मद असजद, मुहम्मद उमैर बिन इरफ़ान के हाफिज बनने पर उनकी दस्तरबंदी की गई। मौलाना लईक अहमद, हाफिज अब्दुल हन्नान, हाफिज अबुजर और हाफिज मुहम्मद आरिफ ने इन बच्चों को कंठस्थ कुरान याद कराया है।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद