सड़कों पर खूंखार आतंक, नींद में नगर निगम
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। दिल्ली के वसंत कुंज में कुत्तों ने दो सगे भाइयों को नोंचकर मार डाला। इस घटना ने एक बार फिर सड़क पर घूमते कुत्तों पर लगाम लगाने की चर्चा छेड़ दी है। महानगर में आज भी एक लाख से ज्यादा कुत्तों का सड़क पर ठिकाना है। कहने को बंध्याकरण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कुत्तों की बढ़ती संख्या इस पर सवाल खड़े कर रही है। हर गली, सड़क, चौराहा, सरकारी दफ्तर, पार्क, अपार्टमेंट, स्कूल के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ जाएगा। कई चौराहों व मुहल्लों में अंधेरा होते ही लोग बाहर निकलने से कतराते हैं। कई लोगों को कुत्ते काट भी चुके हैं। स्वरूप नगर, आर्यनगर, मरियमपुर चौराहा दर्शनपुरवा, रामबाग, आरके नगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, ईदगाह, परेड चौराहा, परमट, फेथफुलगंज, छपेड़ापुलिया, नमक फैक्ट्री चौराहा आदि क्षेत्रों में सबसे ज्यादा समस्या है।
कई बड़े मामले हो चुके हैं
सरसैया घाट में पिटबुल कुत्ते ने गाय पर हमला कर दिया था। किदवईनगर ओ ब्लाक और लाजपतनगर में विदेशी नस्ल के कुत्ते ने दो लोगों को घायल कर दिया था। ग्वालटोली में पागल कुत्ते ने एक स्कूल में बच्चों व शिक्षक को काट लिया था। बाद में नगर निगम ने कुत्ता पकड़ा।मरियमपुर में वाहन चालक पर हमला कर पिता व बच्चे को काट लिया था। lशास्त्रीनगर, पीरोड, रामबाग, सरसैया घाट समेत कई जगह कुत्ते लोगों को काट चुके हैं।
पाबन्दी है जरुरी
विदेशी नस्ल के कुत्तों पर रोक नगर निगम सदन ने पिटबुल और राड वीलर जैसे विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्तों को पालने पर रोक लगा दी है। साथ ही जिनके पास कुत्ते हैं उनको नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही हलफनामा देना होगा। आदेश नहीं मानने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। कुत्तों को पकड़ने व बंध्याकरण की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन ने कहा कि कुत्तों का दो साल से बंध्याकरण किया जा रहा है। 19 हजार से ज्यादा कुत्तों का बंध्याकरण हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जहां कुत्तों को पकड़ते है वहीं बंध्याकरण करके छोड़ा जाता है। पालतू कुत्तों को जब्त कर लिया जाता है। मालिक पर जुर्माना भी लगता है।