आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने जनसामान्य अपने मोबाइल में मौसम विज्ञान विभाग भारत सरकार द्वारा विकसित दामिनी एप एवं सचेत एप डाउनलोड करें, जिससे वज्रपात की पूर्व सूचना मिल सके और वज्रपात से बचा जा सके। उन्होने बताया कि प्रतिवर्ष वज्रपात से बड़ी संख्या में जनहानि व पशुहानि होती है तथा इन्फास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान पहुंचता है। वज्रपात से कम से कम क्षति हो, इसके लिए प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओं की पूर्व चेतावनियों एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुचांकर आपदा को कम किया जा सकता है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह ने जनसामान्य को बचाव के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि वज्रपात से बचने के लिए पेड़ों के नीचे, मोबाइल टावर व ऊंचे मकान के नीचे शरण न लें। बच्चों को बाहर न खेलने दें, लोहे की खिड़की, दरवाजे व हैण्डपम्प आदि को न छुएं। जिला आपदा विशेषज्ञ डॉ.चंदन कुमार ने बताया कि यदि मौसम खराब हो तो तुरन्त किसी पक्के घर में शरण लें, आसपास सुरक्षित स्थान न होने पर दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें तथा घुटनों का टेक लेकर उकड़ू बैठ जाएं। दामिनी ऐप लगभग 20 से 40 किमी के क्षेत्र में संभावित लाइटनिंग अलर्ट का नोटिफिकेशन प्रेषित करता है, जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तथा बचाव का अवसर प्राप्त हो सकेगा। इसलिए स्वयं के मोबाइल में दामिनी एप डाउनलोड करने के साथ ही जनसामान्य को भी इस अति उपयोगी दामिनी एप के बारे में बताएं, जिससे वज्रपात की पूर्व चेतावनी व अलर्ट अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके तथा वज्रपात से होने वाली क्षतियों को न्यूनीकृत किया जा सके।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार