आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुख्य राजस्व अधिकारी वादकारियों के हितों के विरुद्ध आदेश पारित करते हैं साथ ही न्यायिक अराजकता का माहौल बना दिया गया है इनकी भाषा न्यायिक अधिकारी की नहीं है। ये अपशब्दों का प्रयोग करते हैं इनके आवास पर अदालत लगती है उक्त बातें संयुक्त मोर्चा के संयोजक अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाते हुए प्रेसवार्ता के दौरान कही।
दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभा कक्ष में पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता में संयुक्त सघर्ष समिति के संयोजक अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्य राजस्व अधिकारी/उपसंचालक चकबंदी जगदम्बा प्रसाद सिंह के न्यायिक कदाचार व भ्रष्टाचार चरम पर है। वह जनपद से सटे अम्बेडकर नगर के निवासी हैं इनकी कई रिश्तेदारियां जनपद में हैं जिसके कारण न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप जन सामान्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में जिलाधिकारी व मण्डलायुक्त से वार्ता की गयी जिसका कोई सार्थक परिणाम नहीं आया। मुख्य राजस्व अधिकारी द्वारा नियत तिथि के पूर्व ही आदेश पारित कर दिया जाता है। अपील व निगरानी की फाइलों को मंगाई नहीं जाती सूचना की कार्यवाही पूरी नहीं की जाती। चक निगरानी की फाइलों में वारिसों को बिना प्रतिस्थापित किये मुकदमा निर्णित कर देते हैं। जब इनके आदेशों के विरुद्ध विधिक रुप से तजवीजसानी प्रार्थना पत्र दिया जाता है तो लेने से इन्कार कर दिया जाता है एक पक्षीय आदेश पारित होता है तो उसी में यह आदेश पारित होता है कि दो हजार से पांच हजार जमा करने पर ही तजवीजसानी प्रार्थना पत्र लिये जायेगें। इस प्रकार मुख्य राजस्व अधिकारी वादकारियों के हितो के विपरित आदेश पारित करते हैं। इस न्यायिक अधिकारी द्वारा पारित निर्णय विधिक रुप से कत्तई उचित नहीं है साथ ही न्यायिक अराजकता का माहौल बना दिया गया है। न्यायलय कक्ष में अमर्यादित व्यवहार व अपशब्दों का प्रयोग करते हैं तथा इनके आवास पर अदालत लगती है। संयुक्त संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है कि अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में जनपद के समस्त अधिवक्तागण समस्त न्यायालयों के न्यायिक कार्य मे प्रतिभाग नहीं करेगें।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार