आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विद्युत विभाग के निजीकरण कार्यवाही को जनहित विरोधी कदम करार देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नगर इकाई ने जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता कुंवर सिंह उद्यान से निकलकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल को संबोधित चार सूत्री मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा।
भाकपा नगर मंत्री अशोक कुमार राय ने कहा कि केवल अपने चहेते पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 42 जिलों का सरकार निजीकरण करने जा रही है। सरकार के इस कदम से किसान के साथ-साथ निम्न व मध्य वर्ग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ लादे जाने की कवायद है। आज प्रदेश में घरेलू बिजली की अधिकतम कीमत 6.50 रुपये प्रति यूनिट है, निजीकरण होने पर यह कीमत बढ़ाकर 17 से 18 रूपये यूनिट कर दी जाएगी। सरकार बेरोजगारी की समस्या पर काम नहीं कर रही है बल्कि जनता को आर्थिक बोझ लादकर उसकी हालत खराब करने की नियत बना रखी है।
बिजली कर्मचारी संघ के रामअवध ने आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण होने से सबसे बड़ा खतरा पचास हजार संविदा कर्मचारियों पर पड़ेगा। प्रदेश में 76000 सरकारी पद समाप्त हो जाएंगे। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का 4 हजार करोड़ रूपये का राजस्व बकाया है और दक्षिणांचल में 25 हजार करोड़ रूपये का राजस्व बकाया है। निजीकरण होने पर लगभग 66 हजार करोड़ रूपये की क्षति होगी। सरकार पूजीपंतियों पर मेहरबान है और जनता विरोधी बनी हुई है।
इस अवसर पर दुर्बली राम, मखडू राम, खरपत्तू राम, राजनरायन, राम अवध यादव, दया राम आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार