अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत अतरौलिया ब्लॉक के 10 ग्राम पंचायतों में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आयोजन किया गया। परियोजना समन्वयक ज्योति ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा में लगातार वृद्धि हो रही है। आज हमारे देश में एक घंटे में 26 यानी हर दो मिनट पर महिलाओं के ऊपर होने वाली एक हिंसा का मामला दर्ज होता है, जबकि वास्तविकता इससे कहीं और ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि पूरे दुनिया में 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। संविधान में लिखा गया था कि सब लोग एक समान हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में यदि आपका कोई हनन होता है, तो आप उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। संविधान में अनुच्छेद 21 में जीवन जीने का अधिकार भी लिखा गया है। महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताया गया।
संविधान साथी जान्हवी दत्त एवम् मैसवा के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम पंचायत अतरौलिया में पुरुषों को महिलाओं के अधिकारों के प्रति संवेदनशील करने हेतु संगोष्ठी का आयोजन संविधान की उद्देशिका के पाठ से शुरू किया गया। सुधा ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, जिसे हम सब को मिल कर रोकना होगा। मानवाधिकारों के 30 सारभौमिक अधिकार पर चर्चा करने के पश्चात संगोष्ठी समाप्त की गई। इस मौके पर सविता, मधु, रीमा, आराधना, अनुराधा, ज्योति आदि उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट-आशीष निषाद