बिजली विभाग के एकतरफा कानून में फंस रो रहे उपभोक्ता

शेयर करे

महराजगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ’जबरा मारे रोउ न दे’। कुछ इसी तरह की स्थिति विद्युत उपभोक्ताओं के सामने उत्पन्न हो गई है। मनमाने बिल से परेशान लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है, लेकिन हर दिन बकाए की वसूली के लिए कहीं फोन आ रहे हैं तो कहीं विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घर पर धमक जा रहे हैं। दहशत का आलम यह कि इस तरह की शिकायत तो कइयों ने की, लेकिन नाम न छापने का आग्रह किया। ऐसे लोगों का तर्क है कि नाम छपने के बाद विभाग के लोग और भी उत्पीड़न करने लगेंगे।
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से बिल वसूली के मामले में ऐसे कदम उठाए हैं, जो उनके लिए चिंता का कारण बन गए हैं। विभाग के कर्मचारियों द्वारा बिलों की वसूली के लिए उपभोक्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है, लेकिन कई जगहों पर उपभोक्ताओं को उचित जानकारी और सहूलत न मिल पाने की स्थिति में राम भरोसे छोड़ दिया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से बिजली विभाग ने वसूली अभियान को तेज कर दिया है, जिसके तहत उपभोक्ताओं को भारी बकाया बिलों का भुगतान करने के लिए परेशान किया जा रहा है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें अपनी बिजली खपत के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है और बार-बार बढ़े हुए बिलों के कारण वे आर्थिक संकट में घिर गए हैं। कई उपभोक्ता की यह भी शिकायत है कि उनकी बिजली खपत के बिल में असमानताएं और गलतियां हैं। कभी-कभी बिलों में मनमाने तरीके से वृद्धि की जा रही है, जो वास्तविक खपत से मेल नहीं खाती। इसके बावजूद विभाग की ओर से इन समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है और उपभोक्ताओं से तत्काल भुगतान करने को कहा जा रहा है। बहुत से लोग लगातार विभाग के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन समाधान की कोई सटीक प्रक्रिया नहीं दिख रही। विभाग के कर्मचारियों की ओर से उपभोक्ताओं पर दबाव डाले जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जहां उन्हें बिना सही कारण बताए बकाया बिल का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। विभाग की इस सख्ती से उपभोक्ताओं में आक्रोश है। कुछ उपभोक्ता तो यह भी दावा कर रहे हैं कि विभाग उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है और उन्हें बिल वसूली के नाम पर मानसिक तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग की ओर से इस दबाव को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग को एक पारदर्शी और सुगम प्रक्रिया अपनानी चाहिए, ताकि हर किसी को समय पर सही जानकारी मिल सके और बिना किसी दबाव के बिल का भुगतान किया जा सके। बिजली विभाग को इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा और उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता देनी होगी। यदि विभाग अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करता, तो यह उपभोक्ताओं के बीच और अधिक असंतोष पैदा करेगा, जिससे भविष्य में विभाग की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *