अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पर्यावरण को स्वच्छ रखने व गांव के लोगों को खुले में शौच से मुक्ति के लिए बने सामुदायिक शौचालय कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं। रखरखाव व देखरेख के लिए स्वयं सहायता समूह के खातों में पैसे भी भेजी गई है। जबकि हकीकत तो यह है कि बनने के बाद अधिकतर शौचालयों में ताले लटक रहे हैं।
क्षेत्र के तेजापुर में बने सामुदायिक शौचालय में ताला नहीं लगा है तथा दरवाजे भी सही नहीं हैं, जिसकी वजह से शौचालय का गेट हमेशा खुला रहता है। आसपास के लोग शौचालय में गंदगी फैलाते हैं। शौचालय में चारों तरफ गंदगी का अंबार है। वहीं पानी की व्यवस्था भी शौचालय में नहीं की गई है। इसी क्रम में क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम सभा लोहरा में बने सामुदायिक शौचालय में कई महीनों से ताले लटक रहे हैं। समूह की महिलाओं से शौचालय की चाभी ग्राम प्रधान ने ले रखी है। पानी की सबसे बड़ी समस्या ग्राम सभा में बने शौचालय में है। इसी क्रम में क्षेत्र के खालिसपुर सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है। शौचलय में पानी की ब्यवस्था नहीं। स्थानीय लोगो का कहना है कि समूह की महिलाएं सुबह से ही शौचलय के मुख्य द्वार पर बैठ जाती हैं और सफाई न करनी पड़े इसके लिए किसी को अंदर ही नही जाने देती। इस तरह से लोगों की सुविधाओं के लिए बने शौचालय में ताले लटक रहे हैं जो खुले हैं उसमें भारी अनियमितता देखने को मिली। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार चूना लगा रहे हैं।
रिपोर्ट-आशीष निषाद