ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जनपद में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों को घरों में ठिठुरने के लिए विवश कर दिया है। ठंड की वजह से अपने कार्य के बाहर निकलने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जनपद में पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से बुधवार के दिन बहुत से अपने घरों से बाहर नहीं निकले। लगभग तीन दिनों से सूर्य देव के दर्शन न होने के कारण इंसान के साथ साथ पशु पक्षियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंसान तो गर्म कपड़ों का सहारा लेकर अपना जीवन व्यतित कर ले रहे हैं लेकिन बेजुबान जानवरों को इस कड़ाके की ठंड को सहना पड़ रहा है। ठंड के चलते ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उनकी दिनचर्या प्रभावित हो गई है। सबसे बड़ी समस्या किसानों और पशुपालकों को है। किसान अपने खेतों की सिंचाई और खेतों की छुट्टा पशुओं से रखवाली नहीं कर पा रहा है।
बूढ़नपुर प्रतिनिधि के अनुसार-ठंड से परेशानी के कारण किसान घरों में छुप कर बैठा हुआ है। वहीं पशुपालक अपने पशुओं के लिए चारे का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं। क्षेत्र के किसान देवानंद गिरी व पशुपालक अरविंद सिंह ने बताया कि भूसा समाप्त हो गया है गन्ने की छिलाई और घास की कटाई करके किसी तरह से पशुओं का पेट भरने का काम करते हैं। लेकिन एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड ने हमारी दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। हम पशुओं के लिए चारे का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं। किसान उजागिर वर्मा ने बताया कि 2 बीघे गेहूं की सिंचाई करना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन बिजली की उपलब्धता न होने के कारण सिंचाई नहीं हो पा रही है। साथ ही कड़ाके की सर्दी के नाते रात में गेहूं की सिंचाई नहीं कर सकते। विवेक चंद्र वर्मा ने बताया कि इस कड़ाके की ठंड ने खेती और पशुपालन करने वालों को परेशान करके रख दिया है।
रिपोर्ट-अरविन्द सिंह

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