आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। लोकसभा चुनाव के छठवें चरण में शनिवार को आजमगढ़ व लालगंज सीट पर मतदान तो हो गया, लेकिन प्रतिशत पर गौर करें, तो पता चलता है कि चुनाव आयोग की मोबाइल पर अपील और एसएमएस के साथ प्रशासन व अन्य संगठनों का जागरूकता अभियान भी रंग नहीं दिखा सका। वर्ष 2019 की तुलना में दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम रिकार्ड किया गया।
सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग के आखिर में आए रिकार्ड के अनुसार इस साल लालगंज का मतदान प्रतिशत 54.39 और आजमगढ़ में 56.12 पर सिमट गया। जबकि लोकसभा चुनाव 2019 में लालगंज में 54.83 व आजमगढ़ में 57.52 प्रतिशत मतदान हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक इस बार आजमगढ़ में 1.44 प्रतिशत व लालगंज में 0.44 प्रतिशत कम मतदान हुआ।
जनपद आजमगढ़ में 10 विधानसभा और दो लोकसभा सीट हैं। लालगंज व आजमगढ़ लोकसभा में कुल 3707047 मतदाता हैं। इनमें 19,50715 पुरुष, 15,56264 महिलाएं और 68 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। यदि लोकसभा आजमगढ़ की बात की जाए तो यहां कुल 18 लाख 68 हजार 165 मतदाता हैं, जिसमें नौ लाख 88 हजार 858 पुरुष, छह लाख 79 हजार 264 महिलाएं व 43 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। वहीं लोकसभा लालगंज में कुल 18 लाख 38 हजार 882 मतदाता हैं। इनमें नौ लाख 61 हजार 857 पुरुष, आठ लाख 77 हजार महिलाएं और 25 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
जिला प्रशासन लाख कोशिशों के बावजूद लोकसभा के इस चुनाव में आजमगढ़ व लालगंज में वोट का प्रतिशत नहीं बढ़ सका, जबकि जागरूकता के लिए महीनों के परिश्रम और लाखों व्यय पर भी यहां आधा प्रतिशत तक वोट नहीं बढ़ सका। लगता है कि तल्ख धूप के कारण इस जागरूकता अभियान का वोटरों पर असर नहीं पड़ा। हालांकि सुबह से ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी रही। दोपहर के समय बूथों पर सन्नाटा पसरा रहा। लेकिन शाम के समय एक बार फिर से बूथों पर लंबी भीड़ उमड़ पड़ी। जिसका परिणाम रहा कि शाम छह बजे मतदान का समय समाप्त होने के बाद भी बूथों पर कतार लगी रही। शाम साढ़े छह बजे तक जिले के लगभग 190 बूथों पर मतदान समाप्त हुआ।
रिपोर्ट-सुबास लाल