संत रविदास की जन्मस्थली में जयंती उत्सव की तैयारियाँ देखने पहुँचे Commissioner

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पाँच फरवरी को होगा आयोजन, संत रविदास मंदिर से अमृतवाणी का पाठ आरंभ

वाराणसी। संत रविदास की जयंती पर पांच फरवरी को उनके जन्मस्थान बनारस के सीरगोवर्धन गांव में आस्था का कुम्भ लगेगा। संत के सपनों के गांव में बसने के लिए संगत रवाना हो चुकी है। आज शाम संगत के सीरगोवर्धन पहुंचने के साथ ही संत रविदास मंदिर से अमृतवाणी का पाठ आरंभ हो जाएगा। संत रविदास की जन्मस्थली पर जयंती उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरुवार दोपहर तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा सीरगोवर्धन पहुंचे। विभिन्न व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने को लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। सेवादारों के पहुंचने के बाद 20 जनवरी से अमृतवाणी का पाठ शुरू हो जाएगा और सात फरवरी को इसका समापन होगा।

तीन फरवरी को आएंगे संत निरंजन दास

मंदिर प्रबंधन जयंती की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। संत निरंजन दास अपने अनुयायियों के साथ तीन फरवरी को बनारस पहुंचेंगे और चार फरवरी को पंडाल व मेला क्षेत्र का भ्रमण करके अनुयायियों को दर्शन देंगे। संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में देश और विदेश से रविदासिया धर्म के श्रद्धालु गुरु की चौखट पर शीश नवाने आएंगे। मेला क्षेत्र में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 50 से अधिक पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। सीर में प्रवेश द्वार से लेकर लंगर हाल के मैदान तक मिनी भारत संवरने लगा है। इस बार विदेशों से भी अनुयायियों का जत्था संत रविदास की जयंती समारोह में शामिल होगा। पंजाब से खाद्य सामग्री और मध्यप्रदेश से लकड़ी की खेप पहुंच चुकी है। मेला क्षेत्र में बिजली सप्लाई करने के लिए 125 केवी के पांच जनरेटर लगेंगे। मंदिर से मेला और पंडाल क्षेत्र में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।

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