आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के नूरपुर सरायहाजी निवासी विनोद शर्मा ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनके बेटे के अपहरण मामले में सीओ सदर द्वारा दूषित विवेचना न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है जिससे उनके परिवार की नींद हराम हो गयी है। पीड़ित शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक एडीजी, अपर पुलिस महानिदेशक एडीजी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है।
विनोद शर्मा का आरोप है कि अपहरण, लूट, दुष्कर्म, फिरौती, छिनैती के अभियुक्तों से मोटी रकम लेकर नियमों को ताख पर रख कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सीओ सदर आस्था जायसवाल ने न्यायालय में दूषित विवेचना प्रस्तुत किया और स्वयं उपस्थित होकर न्यायालय को संज्ञान कराया। आलाधिकारियों को दिये गये पत्र में श्री शर्मा ने आरोप लगाया है कि अपराधियों से लाखों की मोटी रकम लेकर अभियुक्तों को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
पीड़ित ने बताया कि मेरे पुत्र का अपहरण 15 मई को सायं काल 5.30 बजे लाइब्रेरी से कर लिया गया। मेरा लड़का अर्ध मृतक दशा में गजहड़ा से 16 मई को सुबह बरामद हुआ। पुलिस मुकदमा पंजीकृत करने में हीला-हवाली करती रही। 28 मई को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद 9 जून 2025 को विभिन्न धाराओं सहित पाक्सो में अपहरण, लूट, दुष्कर्म, फिरौती जैसे संगीन मुकदमा पंजीकृत हुआ। मुख्य अभियुक्त राजन पुत्र ललसू छीने गए मोबाइल से कम्प्यूटर से फर्ज़ी कागजात सबूत तैयार किया। क्षेत्राधिकारी सदर ने पैसा लेकर नियमों को ताख पर रख विवेचना के दौरान अपहरण, लूट, दुष्कर्म, फिरौती जैसे संगीन धाराओं को निकाल कर चार्जसीट दाखिल कर खुद न्यायालय में खड़ी हो कर दूषित चार्जशीट दाखि़ल कर संज्ञान करा दिया। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से मामले की जांच कराकर दोषी सीओ सदर के विरूद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगायी है।
रिपोर्ट-सुबास लाल