पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बिलरियागंज विकास खंड अंतर्गत तमाम विद्यालयों में देखने को मिला कि बच्चे घर के ही कपड़ों में विद्यालय आने को मजबूर हैं। उनके पास ड्रेस का अभाव है। इस ठंड भरे मौसम में विद्यालय प्रशासन की तरफ से बैठने को डेस्क ब्रेंच नहीं है जिससे बच्चे जमीन पर ही टाट पट्टी के सहारे बैठने को मजबूर हैं। इस बारे में जब विद्यालय के अध्यापकों से बातचीत की गई तो पता चला कि ड्रेस का पैसा शासन स्तर से बच्चों के अभिभावकों के खाते में जाता है। पहले दो ड्रेस के लिए विद्यालय प्रशासन को लगभग 500 रुपए मिलते थे और वह पूरी तरह से बच्चों को वितरित किया जाता था। लेकिन जब से यह पैसा बढ़ाकर 1200 रुपए अभिभावकों के अकाउंट में जाने लगा तब से बच्चे बिना ड्रेस के स्कूल में आने को मजबूर हैं क्योंकि अभिभावकों द्वारा उस पैसे को किसी और मद में खर्च कर दिया जाता है। रही बात डेस्क ब्रेंच की तो विद्यालय प्रशासन की तरफ से थोड़ी बहुत व्यवस्था डेस्क ब्रेंच की कराई गई है जो डैमेज भी हो चुके हैं जिसकी रिपेयरिंग भी नहीं कराई गई जिससे बच्चे पूरी तरह से टाट पट्टी पर बैठने को मजबूर हैं। शासन का आदेश देखा जाए तो सभी बच्चों को बैठने से लेकर ड्रेस तथा मध्यान भोजन की समुचित व्यवस्था कराई जाती है लेकिन 100 प्रतिशत व्यवस्था बच्चों तक पहुंच नहीं पाती है जिसको लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
रिपोर्ट-बबलू राय