बैठक में बाल अधिकार, महिला सुरक्षा, मानव तस्करी की रोकथाम पर की गई चर्चा

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पुलिस लाइन स्थित सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक यातायात/नोडल अधिकारी थाना ए.एच.टी./एस.जे.पी.यू. के पर्यवेक्षण में तथा क्षेत्राधिकारी सदर की अध्यक्षता में विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं थाना ए.एच.टी. की मासिक समीक्षा एवं समन्वय बैठक आयोजित की गई।
बैठक में बाल अधिकार, महिला सुरक्षा, मानव तस्करी की रोकथाम, तथा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रभावी अनुपालन पर विस्तृत चर्चा की गई। थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं को सुनते हुए उनके समाधान हेतु आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान किए गए।
बैठक में निम्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष जोर दिया गया। जिसमें किशोर न्याय अधिनियम की धारा 94 के तहत आरोपी/पीड़ित की उम्र निर्धारण प्रक्रिया का शत-प्रतिशत पालन। चिकित्सीय परीक्षण के दौरान 12 वर्ष से कम पीड़िता के लिए माता-पिता की सहमति तथा 12 वर्ष से अधिक की पीड़िता के लिए उसकी स्वयं की सहमति अनिवार्य। किसी भी नाबालिग के थाने पर आने पर बाल कल्याण अधिकारी द्वारा तत्काल आवश्यक कार्यवाही। पाक्सो मामलों में पंजीकरण/बढ़ोत्तरी की सूचना 24 घंटे के भीतर सीडब्लयूसी को अनिवार्यतः भेजना। सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला/पीड़िता को थाने में न रखते हुए वन स्टॉप सेंटर में भेजना। श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम से मुक्त बच्चों को ब्ॅब् के समक्ष प्रस्तुत करना। किसी भी बच्चे को थाने के लॉकअप में न रखा जाए। बाल कल्याण अधिकारी को सुपुर्द किया जाए। नाबालिग पीड़ित, पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण साधारण वस्त्रों में कराया जाए। पाक्सों एवं जुवेनाइल से संबंधित प्रेस विज्ञप्तियों में पीड़िता/बाल अपचारी की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाए।
बैठक के अंत में क्षेत्राधिकारी सदर द्वारा मानव तस्करी, बाल संरक्षण एवं किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए तथा समन्वय एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करने पर जोर दिया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं एनजीओ प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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