अंजान शहीद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। हजरत इमाम हुसैन और करबला के 72 शहीदों की याद में चेहल्लुम पर मातमी जुलूस निकाला गया। जुलूस में अलम व दुलुदुल और 18 बनी हाशिम के ताबूत के साथ या हुसैन, या अली, या अब्बास, के सदाओं के साथ जुलूस भ्रमण करता रहा।
जुलूस से पहले कुरैश नगर इमामबाड़े के पास मजलिस आयोजित की गई। इसके बाद दुलुदुल व 18 बनी हाशिम के ताबूत का जुलूस निकाला गया। जुलूस कुरैश नगर से समता नगर होता हुआ जीयनपुर चौक पर पहुंचा। जहां मौलाना सैयद सफ़क़त तकी ने मजलिश को खि़ताब किया। मौलाना ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद ए कर्बला में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत से आज पूरी दुनिया में मुसलमानों की पहचान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि उस समय इस्लामी हुकूूमत का बादशाह यजीद था। इसके सारे काम इस्लाम के खिलाफ थे। इमाम हुसैन ने उसके इन कामों का विरोध किया व लाख समझाने पर भी वह बाज नहीं आया। आखिर में यजीद और इमाम हुसैन के बीच कर्बला में जंग हुई, जिसमें इमाम हुसैन ने शहीद होकर इस्लाम जिंदा कर दिया। इस मौक़े नेहाल मेंहदी, ज़ीशान मेंहदी, शहजान मेंहदी, आदिल अब्बास, अज़हर अली, कैसर अली, सलमान, नसीम अब्बास, हैदर, ज़ैद अली, सज्जाद, साकिब, तारिक, अशरफ, अयाज़, सय्यद सफ़ी, इमरान, आमिर, रज़ा, आसिफ़ आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-फहद खान