संविधान की प्रस्तावना में बदलाव दुर्भावनापूर्ण: नदीम खान

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कानून मंत्रालय द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में दुर्भावनापूर्ण बदलाव कर संविधान की प्रस्तावना की प्रति बांटे जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला, शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान कांग्रेसजनो ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और संविधान की प्रस्तावना से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न किए जाने की मांग किया।
जिलाध्यक्ष नदीम खान ने कहा कि देश के संविधान में प्रस्तावना को भारतीय संविधान का हृदय और आत्मा माना जाता है। इसकी मूल संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार के कानून मंत्री द्वारा वर्तमान में सोशलिस्ट और सेक्युलर समाजवादी और पंथ-निरपेक्ष’ जैसे शब्दों से कतरा रहे हैं ंजबकि यह शब्द अनेकता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान कानून मंत्रालय द्वारा संविधान की प्रस्तावना की ऐसी ही प्रति दुर्भावनापूर्ण वितरित की गई जिसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं थे। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कृत्य संविधान विरोधी है कांग्रेस इसकी पुरजोर विरोध करती है।
इस अवसर पर कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष बेलाल अहमद बेग, नजम शमीम, मिर्जा अहमद, मो.आमिर, अजीत राय, तेजबहादुर, मो. अजमल, सलमान, अब्दुल हलीम, नीलू खान, गणेश सुरेन्द्र सिंह, प्रदीप यादव, राफे सोहराब, राजाराम यादव, विरेन्द्र चौहान, अंसार अहमद आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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