पीड़ित ने अब कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन को ठानी
मऊ (सृष्टि मीडिया)। सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत मऊकुबेर गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के खेत के बीच से चकरोड निकाला गया है। खेत के बीच से चकरोड निकलने से पीड़ित संगम चौहान को सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। पीड़ित संगम चौहान अपने दोनों पैरों से विकलांग हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उनके शिकायत पर किसी अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अपने खेत में चकरोड का विरोध करते हुए पीड़ित ने कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन करने का ठाना है।
किसी ने नहीं की कार्रवाई
पीड़ित संगम चौहान ने बताया कि सदर तहसील अंतर्गत जगदीशपुर मौजा में स्थित खेत के बीच से चकरोड निकाला गया है, जिसके बाद खेत के बीच से निकाले गए चकरोड की शिकायत को लेकर लगातार अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई। लेकिन फिर भी किसी अधिकारी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित ने बताया कि उसके जमीन पर पिछले 10 सालों से गांव के ही अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर संगम चौहान ने स्थानीय थाने पर शिकायत की थी लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की। पीड़ित ने यह भी बताया कि आमरण अनशन के दौरान अगर उसको कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पुलिस की होगी। पीड़ित संगम चौहान ने कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
विकलांग होने के बाद भी नहीं की जा रही सुनवाई
पीड़ित संगम चौहान अपने दोनों पैरों से विकलांग हैं। इसके बावजूद भी विकलांग पेंशन और खेती के सहारे वह किसी तरह अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। ऐसे में पीड़ित ने कहा कि आमरण अनशन के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं मिली तो वह आत्मदाह करने के लिए बाध्य होंगे। पीड़ित के खेत के बीच से चकरोड नहीं हटाया गया तो पीड़ित ने आत्मदाह करने की दी धमकी। पीड़ित ने अपने गांव के प्रधान और सदर तहसील के लेखपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा 20 हजार रुपयों की मांग की गई थी। जिसको ना देने पर उनके द्वारा ऐसा कृत किया गया।