मां सहित दो बच्चों को आंखों से नहीं दे रहा दिखाई

शेयर करे

आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मां समेत दो बच्चों के आंखों की बीमारी परिवार के लिए कठिनाई का सबब हो चुका है। जैसे ही इस बात की जानकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुंवर यादव को हुई तो वह परिवार से मिलने के लिए विकास खंड तरवां के ग्राम पंचायत फद्दूपुर कुटिया पर उनके घर पर पहुंचे। मजदूरी करके किसी तरह अपने पत्नी और दो पुत्र और एक बेटी का पालन-पोषण कर रहे पिता से उनकी समस्या पूछी तो पिता की आंखों से छलके आंसुओं ने मानो दर्द को बयां कर दिया।
किसी तरह संभलने के बाद मजदूर पिता अरविन्द यादव ने बताया कि मेरी पत्नी नीलम यादव हम लोग खुशहाल जीवन यापन करते थे लेकिन 2006 में मेरी पत्नी की आंखों की रोशनी लगातार जाने लगी। मजदूरी के पैसों से पेट पालने से लेकर दवा का इंतजाम करना काफी भारी काम रहा। इसके बावजूद उसने अपनी पत्नी की आंखों की रोशनी के लिए वाराणसी बीएचयू, आजमगढ़, नेपाल में भी इलाज कराया लेकिन आज तक उसकी आंखों की रोशनी नहीं लौटी।
बताते चले कि दम्पत्ति के इस समय तीन बच्चे है, 12 वर्षीय आशीष यादव और 10 वर्षीया बेटी अंशिका यादव की भी आंखों से कुछ दिखाई नहीं देता है जबकि आठ वर्षीय अनुज यादव की आंखों की रोशनी अभी ठीक बतायी जा रही है। अन्य बच्चों की स्थिति को देखकर मजदूर पिता अरविन्द हमेशा ईश्वर से प्रार्थना करता है कि छोटे पुत्र अनुज यादव की आंखे सलामत रहे।
अरविन्द के छलकते आंसुओं को देख पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुवर यादव ने मदद का आश्वासन दिया कि सबसे पहले बीमारी की जांच जिला अस्पताल के नेत्रसर्जन से कराया जाएगा और इस असहाय परिवार की मदद के लिए समाज के सभी सक्षम लोगों से मदद लेकर उच्चस्तरीय इलाज कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इसके पूर्व भी रामकुंवर यादव बहुत से असाध्य रोगियों का भिक्षाटन कर उपचार करा चुके हैं जो आज अपना जीवन सुचारू रूप से जी रहे हैं। रामकुंवर यादव के इस आश्वासन के बाद अरविन्द की पथराई आंखों में नए रोशनी का संचार हुआ। अब देखना है कि इस रहस्यमयी बीमारी से परिवार को कब निजात मिलता है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *