आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य विभाग के मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने सुल्तानपुर में एक विवादित बयान दिया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में मंच से संजय निषाद पुलिस वालों की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि मैं यहां ऐसे नहीं पहुंचा हूं, सात दारोगा का हाथ-पैर तुड़वाकर और उनको गड्ढे में फेंकवाकर यहां तक पहुंचा हूं।
मंगलवार को दिए गए मंत्री के इस बयान की पूरे देश में आलोचना हो रही है। विपक्षी पार्टियों ने भी संजय निषाद को निशाने पर लिया है। बढ़ते विवाद के बीच आजमगढ़ पहुंचे यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने अपने बयान पर सफाई दी है। कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। लोग सच्चाई में नहीं जाते हैं कब किस परिपेक्ष में कौन सी बात कही गई यह जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब रक्षक भक्षक बन जाएगा तो लोगों को आत्मरक्षा में कदम उठाने पड़ते हैं। उन्होंने जो बयान दिया वह आत्मरक्षा की बातें थी। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों पर गोरखपुर में रेलवे के आंदोलन के दौरान यूपी पुलिस ने गोली चलाई थी, फर्जी मुकदमे दर्ज किए थे जो गलत था। उनका बयान इसी परिपेक्ष में था। उन्होंने कहा कि जो गलत है उसे पकड़ा जाए। न्यायालय तय करेगा कि कौन गलत है कौन सही। पढ़ने वाले बच्चों को फंसा कर उनका करियर खराब किया जाता है। उनके कहने का आशय था कि रक्षक ही भक्षक बन जाता है तो आत्मरक्षा में ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं।
समाजवादी पार्टी द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जाने का जवाब देते हुए मंत्री संजय निषाद ने कहा कि उनके कार्यकाल के अपराधी कुछ लोग तो ऊपर चले गए, कुछ जेल चले गए और बाकी जो बचे थे वह प्रदेश छोड़कर चले गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि सपा की सरकार में आए दिन दंगा फसाद होते थे। महीने महीने दुकान बंद रहती थी। गरीब खाने के लिए मरता था लेकिन आज योगी की सरकार में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन है। आज कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो माहौल खराब करते हैं वह विपक्ष को बोलने का मौका देते हैं। बाकी सब ठीक चल रहा है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार