न्यायालय ने 17 जनवरी की तिथि की नियत
वाराणसी। लगभग दो दशक पुराने और चर्चित ऊसरी चट्टी हत्याकांड मामले में मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पेश नहीं हो सके। कारण खराब मौसम और घना कोहरा बताया जा रहा है। वहीं, आरोपी बृजेश सिंह व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। ऐसे में न्यायालय ने 17 जनवरी की तिथि नियत करने के साथ मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत होने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने दिया था आदेश
न्यायालय ने गवाही के लिए मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को व्यक्तिरुप से प्रस्तुत होने का आदेश दिया था। ऐसे में सुरक्षा के कड़े बंदोवस्त किए गए थे। मौसम की खराब के कारण वह पेश नहीं हो सके। इस संबंध में एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि उसरी चट्टीकांड के वादी एवं प्रत्यक्षदर्शी साक्षी मुख्तार अंसारी की गवाही होनी थी। वर्तमान में वह जनपद बांदा जिला कारागार में निरूद्ध हैं। घना कोहरा होने के कारण न्यायालय में पेश नहीं हो सके। इस संबंध में जिला कारागार बांदा के अधीक्षक ने लिखित रूप से न्यायालय को सूचित किया था। न्यायालय ने अगली तारीख 17 जनवरी नियत की है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई, 2001 को मुख्तार अंसारी निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर 12.30 बजे दिन में उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग किया था, जिसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं रुस्तम उर्फ बाबू जो घायल हो गया था, उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हमलावरों में से भी एक की मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थीं। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह एवं त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।