आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दुर्भाग्य से लावारिस मृतक हुए मानव काया को दुर्गति से बचाने हेतु भारत रक्षा दल द्वारा जिले भर में लावारिस पाए जाने वाले मृतकों का दाह संस्कार निरंतर करते हुए प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में धार्मिक परंपरा के अनुसार ऐसे मृत हुए लोगों की शांति हेतु तर्पण और पिंडदान, पूजा का कार्य शनिवार को राजघाट पर और सामूहिक भोज व दान दक्षिणा और श्राद्ध भोज कार्य रिक्शा स्टैंड कलेक्ट्रेट पर किया गया।
हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने कहा कि समाज में किसी की मृत्यु हो जाने पर उनके परिजन अपने रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार क्रिया कर्म करते हैं लेकिन लावारिस मृतकों को कोई पूछने वाला नहीं होता। मानवकाया की दुर्गति हम सभी को देखी नहीं गई तो हम सभी ने लावारिस मृतकों का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया और वर्ष 2013 से निरंतर इस कार्य को किया जा रहा है। इसी संस्कार को पूर्ण करने के लिए धार्मिक, सामाजिक परंपराओं, मान्यताओं का निर्वहन करते हुए हम लोग प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में उस वर्ष तक लावारिस मृत हुए लोगों की शांति, मुक्ति हेतु तर्पण, श्राद्ध पूजा, पिंडदान का कार्य करते हैं।
इस अवसर पर जैनेंद्र चौहान, आरपी श्रीवास्तव, शक्ति शरण, अनूप श्रीवास्तव, मनीराम, विनोद शर्मा, प्रदीप चौहान, चंद्र प्रकाश, हरेंद्र यादव, हरिकेश विक्रम ने लावारिसों का वारिस बनकर तर्पण व पिंडदान किया। यह अनुष्ठान पुरोहित सभाजीत पांडे के नेतृत्व में मंत्रोचार के बीच संपन्न किया गया। तत्पश्चात ब्राह्मणों को वस्त्र, धन, धातु का दान कर सामूहिक श्राद्ध भोज का आयोजन भी हुआ।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार