जलस्तर घटने के साथ बंद कर दिया गया नाव का संचालन

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी के जलस्तर उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। मंगलवार को सुबह आठ बजे जलस्तर में 11 सेमी की कमी दर्ज की गई, तो शाम चार बजे चार सेमी की वृद्धि रिकार्ड की गई। जलस्तर घटने के साथ सभी स्थानों पर नाव का संचालन बंद कर दिया गया है। इस बीच आबादी के आसपास जलजमाव और रास्तों पर हल्का पानी व कीचड़ से आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि दिन में भी चैन मुश्किल हो गया है।
सोमवार को भी जलस्तर में कुछ इसी तरह से उतार-चढ़ाव हुआ था। सुबह आठ बजे पांच सेमी बढ़ने के बाद शाम चार बजे चार सेमी कम हो गया था। राजस्व निरीक्षक अनिल सिंह ने बताया कि पानी ज्यादा कम होने के कारण नाव का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है।
फिलहाल मंगलवार को भी जलस्तर में उतार-चढ़ाव से यह तो तय हो गया है कि बाढ़ का संकट अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। जलस्तर में कमी से प्रशासन भले ही राहत महसूस कर रहा हो, लेकिन देवारा खास राजा ग्राम सभा के बगहवा, झगरहवा व बासू का पुरा में कटान का गति बढ़ने लगी है। झगरहवा में 18 घर नदी की धारा के मुहाने पर आने के कारण पहले ही नोटिस जारी किय जा चुका है। मंगलवार को नदी का जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 33 सेमी नीचे 71.35 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि सोमवार को नदी खतरा निशान 71.68 मीटर से 26 सेमी नीचे 71.42 मीटर रिकार्ड किया गया था। इस बीच 43वें दिन भी तीन बैराजों से छोड़े गए 2,26,865 क्यूसेक पानी के कारण बाढ़ का संकट समाप्त नहीं हुआ है। इस प्रकार अब तक 1,18,35,122 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था।
दर्जन भर गांवों के रास्ते पर कीचड़ के कारण फिसलन और आसपास जलभराव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मच्छरांे का प्रकोप काफी बढ़ गया है, लेकिन दवाओं का छिड़काव न होने से तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की नींद हराम हो गई है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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