बोले- प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की सरकार में पिछड़ों का भला हुआ है
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। भाजपा ने वाराणसी के जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा को विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया है। इस खबर के बाद से जिले भर में भाजपाइयों में खुशी की लहर है। हंसराज विश्वकर्मा दो टर्म से वाराणसी के जिला अध्यक्ष हैं। भाजपा से एमएलसी मनोनीत होने के बाद उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। पिछड़ों की राजनीति में माहिर 54 वर्षीय हंसराज विश्वकर्मा ने नई जिम्मेदारी मिलने पर पार्टी और कार्यकतार्ओं को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ों का भला हुआ है।
भाजपा के लिए लगन से करते रहे काम
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के मार्गदर्शन में कंचनपुर निवासी हंसराज विश्वकर्मा ने 1989 में बूथ कार्य से शुरूआत की। इसके बाद राम मंदिर आंदोलन में बढ़ चढ़कर भूमिका निभाई। हंसराज विश्वकर्मा को 1990 में काशी विद्यापीठ ब्लॉक का युवक मंगल दल के अध्यक्ष का दायित्व मिला। 1993 में काशी विद्यापीठ मंडल के युवा मोर्चा में अध्यक्ष का दायित्व मिला। 1996 में मंडल मंत्री बने। 2000 में जिला कार्यसमिति सदस्य और 2002 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पार्टी राक्रांपा (राष्ट्रीय क्रांति पार्टी) से विधानसभा चुनाव लड़ा। 2004 में समाज कल्याण प्रकोष्ठ में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बने। 2008 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव पत्नी को लड़ाया। 2010 में किसान मोर्चा का जिलाध्यक्ष बने। 2013 में भाजपा जिला मंत्री और 2015 में जिला सदस्यता प्रभारी का दायित्व मिला।
कार्यकतार्ओं को जोड़े रखने में हंसराज का अहम योगदान
हंसराज विश्वकर्मा 2016 से अब तक लगातार दो बार जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की पांच सीटों पर अहम भूमिका निभाई। 2019 में वाराणसी में आने वाली तीन लोकसभाओं में बेहतर कार्य किया। 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष व आठ ब्लॉकों में ब्लॉक प्रमुखों को जिताया। 2022 में वाराणसी की पांच विधानसभा सीटों पर बेहतर कार्य किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे। जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा एमएलसी मनोनीत होने की पीछे यह कहा जा रहा है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में उन्होंने जो चुनाव प्रबंधन किया था, उसी का इनाम उन्हें मिला। पार्टी से कार्यकतार्ओं को जोड़े रखने में जिलाध्यक्ष का अहम योगदान रहा।