कहा- भाजपा परिवारवाद को नहीं समाजवाद को देती है बढ़ावा
आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। यूपी विधान परिषद चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन आजमगढ़ के जिला कलेक्ट्रेट में कई प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इस दौरान जिलाधिकारी कार्यालय में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुणकांत यादव ने एमएलसी पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। अरुणकांत समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव के पुत्र हैं। इसके पहले अरुणकांत यादव 2017 में फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इस बार यहां से इनके पिता सपा से विधायक चुने गए हैं। एमएलसी चुनाव में अरुणकांत सपा उम्मीदवार राकेश यादव गुड्डू को सीधी टक्कर देंगे।
विधानसभा चुनाव में जब फूलपुर पवई से अरुणकांत को भाजपा से टिकट नहीं मिला, तभी यह कयास लगाये जा रहे थे कि वो भाजपा के टिकट पर एमएलसी का चुनाव लड़ेंगे। एमएलसी का चुनाव लड़ने के लिए अरुणकांत ने नामांकन पत्र भी खरीदा था लेकिन पार्टी की तरफ से इनके नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। इसी बीच एमएलसी का चुनाव भी टल गया था। इधर जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई तो एक बार फिर इनके नाम की चर्चा होने लगी थी। 19 मार्च को भाजपा की तरफ से जब एमएलसी चुनाव मे प्रत्याशियों के नामों की सूची आई तो आजमगढ़- मऊ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने सपा विधायक रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया। नामों की घोषणा होने के बाद सोमवार को अरुणकांत समर्थकों के संग कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। भाजपा प्रत्याशी अरुणकांत यादव के नामांकन करने के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। भाजपा नेता व विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। विक्रांत के नामांकन करने के बाद पार्टी में बगावत की स्थिति बन गई है। अब देखना है कि पार्टी इस बगावत को किस प्रकार सुलझाती है।
रिपोर्ट : ज्ञानेंद्र कुमार