महराजगंज, आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भैरव धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के बाद पहले मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दरबार में हाजिरी लगाने की होड़ मची रही। मंगलवार को कड़ाही चढ़ाने की परंपरा के कारण महिलाओं की भी अच्छी भीड़ देखी गई।
महिलाओं ने पहुंचने के बाद भैरव जी का दूर से दर्शन कर हाजिरी लगाई और उसके बाद हलवा-पूरी तैयार कर भोग लगाया। फिर अपने पसंद की सब्जी आदि बनाकर प्रसाद स्वरूप परिवार के साथ भोजन किया। परंपरा के अनुसार लोगों ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार संपन्न कराया। उसके बाद सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया। कथा और हवन कराने के लिए परिसर में जगह-जगह ब्राह्मणों ने डेरा डाल लिया था। बगल में बहने वाली छोटी सरयू नदी के किनारे मुंडन संस्कार कराने वालों की कतार लगी थी। वहीं जिनके पुत्र की शादी हुई थी वह लोग नवदंपती के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। क्षेत्र के लोगों का विश्वास है कि बाबा भैरवनाथ की अपने भक्तों पर कृपा रहती है और कभी खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता। दर्शन-पूजन के बाद लोगों ने मेले का आनंद लिया। चोटहिया जलेबी और चाट फुल्की का सभी ने आनंद लिया, तो वहीं घर गृहस्थी के सामान की खरीददारी की गई।
महिलाओं की भीड़ श्रृंगार सामग्री की दुकानों पर थी। भैरव धाम पहुंचने वाले वैसे तो प्रसाद के नाम पर बहुत कुछ चढ़ाते हैं, लेकिन काली मिर्च की बोरियां और बताशा लेना नहीं भूलते, क्योंकि बाबा को यह प्रिय माना जाता है। दरअसल कपड़े के पैकेट में पैकिंग को मिर्च बोरी का नाम दिया गया है।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र