फर्जी दस्तावेजों से जमानत दिलाने का रैकेट बेनकाब

शेयर करे

आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में चलाए जा रहे ऑपरेशन शिकंजा ने जनपद में पेशेवर जमानतदारों व अपराधियों की कमर तोड़ दी है। गुरुवार को एक साथ छापेमारी कर पुलिस ने 41 फर्जी/पेशेवर जमानतदारों और 10 कुख्यात अपराधियों समेत कुल 51 लोगों को धर दबोचा। ये लोग डकैती, लूट, हत्या, गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मुकदमों में जेल गए आरोपियों को फर्जी कागजातों से बार-बार जमानत दिलवाते थे और कोर्ट को गुमराह करते थे।
पुलिस को मिली शिकायत के बाद खुलासा हुआ कि कुछ वकील महज 2000-3000 रुपये लेकर पेशेवर जमानतदारों से सांठगांठ कर जमानत दिलवाते थे। एक ही खतौनी, एक ही शख्स के कागजातों से दर्जनों आरोपियों की जमानत हो रही थी। जमानतदारों के सभी दस्तावेज वकील अपने पास रखते थे और जरूरत पड़ने पर उनका दुरुपयोग करते थे। पूछताछ में जमानतदारों ने कबूला कि पैसे के लालच में हम जमानत लेते थे। जिनकी जमानत कराई, उनका नाम-पता तक नहीं पता। एक ही कागज पर कई-कई आरोपियों की जमानत करा दी। शपथ-पत्र में पहले की जमानतें छुपाईं ताकि कोर्ट का ध्यान न जाए। विभिन्न धाराओं में थाना कोतवाली ने मुकदमा दर्ज किया है।
गिरफ्तार 10 अपराधियों में अधिकांश हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें खलील उर्फ खलीलुर्रहमान (6 मुकदमे), जावेद अख्तर (गैंगस्टर व गोवध एक्ट), शेरू उर्फ ताबिस (गैंगस्टर व गोवध), अफरोज (5 चोरी के केस) जैसे नाम शामिल हैं। ये लोग जमानत पर बाहर आने के बाद फिर अपराध करते पकड़े गए थे। पुलिस ने सभी 51 अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर जेल भिजवाया। शेष फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया की शुचिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फर्जी जमानत रैकेट को पूरी तरह खत्म करेंगे।
रिपोर्ट-सुबास लाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *