आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आजमगढ़ महोत्सव-2023 के अन्तर्गत हरिऔध कला भवन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित कवियों को सामाजिक कुरितियों पर जमकर प्रहार किया।
आजमगढ़ महोत्सव अन्तर्गत हरिऔध कला भवन में शाम के समय कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कबि सम्मेलन में उपस्थित कवियों ने अपनी कविता सुनाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन में राजनाथ राज ने विषधरों को दूध है बछड़ों को सूखी धास है कविता सुनाकर सामाजिक कुरीतियों पर जमकर प्रहार किया। उनके व्यंग को सुन उपस्थित लोगों ने खूब तालियां बजायी। डीएवी कालेज के असिस्टेंट प्रो. जितेन्द्र नूर ने प्रेम प्रसंग की कविता सुनाकर लोगों को खुब गुदगुदाया। वहीं अराधना शुक्ला ने श्रीकृष्ण व राधा के प्रेम पर आधारित कविता का पाठ किया। चांद जैसा ही प्रेम कर लेना, दूर रहकर भी रोशनी देना कविता पाठ कर खूब वाहवाही लूटी। कवि वैजनाथ गवार ने हिरण और हिरणी के प्रेम प्रसंग के साथ ही अवैध कट रहे बनों पर खूब प्रहार किया। अमरनाथ खजुहट ने चुनाव से सम्बंधित कविता पाठ कर लोगों को हसने पर मजबूर कर दिया। कवि वालेदीन बेसहारा ने राष्ट्रीय बेटी दिवस के अवसर पर अपनी कविता बेटियों के नाम की कविता के माध्यम से उन्होने बताया कि बेटी बाप की पगड़ी होती है। पिता की पगड़ी बचाने के लिए बेटी सोना की तरह आग में तपती है वह हर अनकुल माहौल में रहना सीख जाती है। अंत में उन्होने बेटी को बेटों जैसा हक दिलाने की बात कहकर मंच को बेटियों के हक के लिए आकर्षित किया। इस मौके पर राजराम सिंह, प्रेम नारायन पाण्डेय प्रेमी, लाल बहादुर चौरसिया, आशा सिंह, मैकश आजमी, ताज आजमी, राकेश पाण्डेय, अभिराज बेदर्दी, बजरंग सहाय, अटपट आदि कवि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार