आटो रिक्शा चालक समिति ने मनाया मजदूर दिवस

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रेलवे स्टेशन स्थित आटो रिक्शा चालक समिति कार्यालय पर मजदूर दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने मजदूर दिवस पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम में मजदूर नेता एवं आटो रिक्शा चालक समिति के प्रांतीय संरक्षक प्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी को अंगवस्त्रम् प्रतीक चिन्ह एवं माला पहलाकर सम्मानित किया गया। प्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी ने कहा कि पूरे विश्व में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। 8 घण्टे काम के लिए यूरोपीय देशों में जबरदस्त हड़ताल करने के बाद एवं हड़ताल एवं आंदोलन के पश्चात बड़ी मुश्किल से यह दिवस मनाने को आया है। शिकांगों के शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेमी जी ने कहा कि जुर्म जब भी बढ़ता है यहां दोस्तों, इंकलाब बनकर आते हैं मजदूर हम आज मजदूरों को अपने हक व हकूक के लिए लाठी गोली एवं जेल जाने के लिए तैयार रहना पड़ेगा । संघर्ष के अलावा कुछ भी मिलने वाला नहीं है। अध्यक्षता करते हुए आटो चालक समिति के प्रांतीय अध्यक्ष कृपाशंकर पाठक ने कहा कि आटो रिक्शा चालकों ने जितना आंदोलन व संघर्ष किया है तब जाकर के आज हम अपने मांगों को पाए हैं। उसमें प्रेमी जी के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। कोषाध्यक्ष विरेन्द्र यादव ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मजदूर बिना लड़ाई लड़े कुछ नहीं पाया है। आज मजदूरों को पुनः लड़ने की जरूरत है। आटो रिक्शा चालकों ने संघर्ष किया तब उनकी मांगे मानी गयी। इस मौके पर रामअवतार, रामा, विन्ध्याचल, अनिल, कन्हैया, भगवती, राजेश, गोवर्धन आदि उपस्थित रहे।
इसीक्रम में असंगठित बीड़ी मजदूर कल्याण समिति के तत्वाधान में नगर स्थित तकिया चकला पहाड़पुर में स्वर्गीय कामरेड कतवारू प्रसाद गोंड के आवास पर मजदूर दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कल्पनाथ सिंह एवं संचालन कैलाश प्रसाद गोंड ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कवि संजय पांडेय एवं साहित्यकार नामी चिरैयाकोटी ने मजदूर नेता स्वर्गीय कामरेड कतवारू प्रसाद गोंड के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मजदूर दिवस पर मजदूरों के कल्याण संबंधी कार्य किया जाना चाहिए। मजदूरों के परिवार की शिक्षा और स्वास्थ्य हेतु सरकारी स्तर पर काम होना चाहिए। इस अवसर पर कवि व साहित्यकार नामी चिरैयाकोटी ने ठोकरें अभी खाते हैं मजदूर हम, खून अपना बहाते हैं मजदूर हम कविता सुनाकर लोगों को अभिभूत कर दिया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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