जीडी कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास, दो सदस्य और एक सॉल्वर अरेस्ट

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एक फर्जी प्रवेशपत्र, तीन मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड और 1160 रुपये बरामद

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से आयोजित जीडी कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने वाले गिरोह के दो सदस्य और एक सॉल्वर को पांडेयपुर से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। सदस्यों की शिनाख्त प्रयागराज के नवाबगंज थाना के पचदेवरा अट्रामपुर के शंभू कुमार सरोज और बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना के झुंडों गांव के सौरभ कुमार यादव के रूप में हुई है। वहीं, सॉल्वर की शिनाख्त नालंदा जिले के लच्छू विगहा महानंदपुर निवासी अजीत कुमार के तौर पर हुई है। आरोपियों के पास से एक फर्जी प्रवेशपत्र, तीन मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड और 1160 रुपये बरामद किया गया है। लालपुर पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराके आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया गया है।

निशानदेही पर मिली सफलता

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 13 जिलों के 61 परीक्षा केंद्रों में बीते 10 जनवरी से एसएससी की ओर से जीडी कांस्टेबल की आनलाइन भर्ती परीक्षा कराई जा रही है। एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर इकाई के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह को सूचना मिली थी कि प्रयागराज निवासी दिलीप कुमार उर्फ डीके और सलमान ने परीक्षा में मूल अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाया है। दोनों को गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। यह भी सामने आया कि छह फरवरी को पांडेयपुर स्थित देवा महिला महाविद्यालय में बनाए गए परीक्षा केंद्र में मूल अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर परीक्षा देगा। सूचना के आधार पर ही इंस्पेक्टर पुनीत परिहार, अरविंद सिंह, दरोगा आलोक सिंह और कमांडो धीरेंद्र चौबे की टीम ने परीक्षा केंद्र पर छापा मारा और सॉल्वर अजीत कुमार को पकड़ लिया। अजीत अभ्यर्थी मोहम्मद नफीस की जगह परीक्षा दे रहा था। अजीत कुमार की निशानदेही पर परीक्षा केंद्र के बाहर से ही सौरभ कुमार यादव और शंभू कुमार सरोज को गिरफ्तार किया गया।

दिए थे 20 हजार रुपये

सौरभ और शंभू से एसटीएफ ने पूछताछ भी की है। आरोपियों की तरफ से बताया गया कि वे प्रयागराज निवासी दिलीप कुमार उर्फ डीके और सलमान के कहने पर सॉल्वर के संपर्क में आए थे। पांच लाख रुपये में प्रतियोगी परीक्षा पास कराने का सौदा तय किया गया। मूल अभ्यर्थियों से प्रवेश पत्र, आधार कार्ड और उनकी फोटो ली गई। इसके बाद मूल अभ्यर्थी और सॉल्वर की फोटो को कंप्यूटर से मिक्सिंग करके उसे प्रवेश पत्र पर लगाया गया। अभ्यर्थियों से मिली कुल धनराशि में से 20 हजार रुपये सॉल्वर को दिए गए थे।

11 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी

एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस सॉल्वर गिरोह के सदस्य भदोही निवासी इमरान को बीते 11 जनवरी को रोहनिया क्षेत्र के बच्छांव स्थित पूर्णोदय महिला महाविद्यालय से गिरफ्तार किया गया था। वह केंद्रीय पुलिस बल की सिपाही भर्ती परीक्षा देने आया था। परीक्षा केंद्र में इलेक्ट्रानिक डिवाइस लेकर बैठा था। इमरान के खिलाफ रोहनिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद लखनऊ से इसी गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ लखनऊ के विकास नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। दिलीप कुमार उर्फ डीके और सलमान के साथ ही उनके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। दिलीप कुमार उर्फ डीके परीक्षा भर्ती में धांधली से संबंधित एक अन्य प्रकरण में भी नामजद है।

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