अस्थमा श्वसन तंत्र की बीमारी: डा.डीडी सिंह

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। चाइल्ड केयर क्लिनिक, सिधारी द्वारा विश्व अस्थमा दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। डॉ. डीडी सिंह ने नीम का पेड़ लगाकर अस्थमा जागरूकता शिविर की औपचारिक शुरुआत किया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.डीडी सिंह ने बताया कि इस साल विश्व अस्थमा दिवस की थीम ‘अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण’ है। यह विषय अस्थमा से पीड़ित लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि अस्थमा श्वसन तंत्र की बीमारी है, जिसकी शुरुआत एलर्जी से होती है। जिसके कारण श्वांस नली में सूजन हो जाती है, जिससे मरीज को श्वांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को चलने पर सांस फूलना, पूरा वाक्य न बोल पाना, बेहोशी की हालत होना, बार बार छींक आना, सोते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज आना, बार बार सर्दी या जुकाम होना आदि लक्षण होते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए नेबुलाइजर और इन्हेलर कारगर साबित होता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2022 के मुताबिक भारत में तीन करोड़ पचास लाख लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। रोकथाम के बारे में बताया कि मरीज को धूल, धुएं से दूर रहना चाहिए। फूलों के पराग से बचना चाहिए। एकाएक धूप से आकर ठण्डा पानी नहीं पीना चाहिए। आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर संतोष कुमार, अभिषेक सिंह, संतोष, आयुष, सूर्यांश, अदिति, श्रेया, मनीषा आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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