रानी की सराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र की प्रसिद्ध धार्मिक स्थली अवंतिकापुरी मंे पूर्णिमा पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। लोगो ने सरोवर मंे स्नान कर मंदिर मंे पूजन और खिचड़ी दान किया। भीड़ अधिक होने के कारण मंदिर परिसर मंे अव्यवस्था रही। मार्ग पर दो किमी दूरी एक घंटे मंे तय करनी पड़ी।
राजा जन्मेजय के नाग महायज्ञ भूमि स्थली पर कार्तिक पूर्णिमा पर अवंतिकापुरी धाम सरोवर में स्नान का विशेष महत्व होता है। 84 बीघे के नाग महायज्ञ कुंड के सरोवर में स्नान के लिए एक दिन पहले ही दूरदराज के श्रद्वालु जुट गये थे। पौ फटते ही जयघोष के बीच स्नान शुरु हो गया। एक ही पक्का घाट होने के चलते घाट पर भी अधिक भीड़ रही। स्नान के बाद मंदिर मंे पूजन कर बाहर खिचड़ी दान भी किया। मेले में दुकानें सजी रही और लोगों ने खरीदारी की। बच्चों ने झूले का आनंद लिया तो कृषि उपकरण और मिट्टी के खिलौने भी बिके। तकरीबन दो किमी की परिधि में मेला क्षेत्र मंे भीड़ रही। मुख्य मार्ग पर दुर्व्यवस्था का बोलबाला रहा। आवंक से कोटिला बाजार तक तीन किमी जाम की स्थित रही। लोगों को घंटों जाम का सामना करना पड़ा। मंदिर प्रागंण मंे भी भीड़ अधिक रही। मंदिर समिति की व्यवस्था पर सवाल उठते रहे। दोपहर बाद तक श्रद्वालुओं का दबाव बढ़ता ही रहा।
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भैरव धाम पर नहीं आए बाहर के दुकानदार
आजमगढ़। इस बार भी मेले का आनंद उठाने के लिहाज से पहुंचे लोगों को भैरव धाम पर निराशा मिली। कारण कि कभी उसुरकुढ़वा ग्राम सभा में आने वाला धाम अब नगर पंचायत का हिस्सा हो गया है और उसका नाम भैरवदास नगर हो गया है। ऐसे में विस्तारीकरण के बाद यहां सुंदरीकरण कार्य शुरू होने से पर्याप्त जगह नहीं थी। रोज के दुकानदार ही अपनी दुकान लगाने पहुंचे थे, जबकि बाहर के दुकानदार और चरखी-झूला लगाने वाले नहीं आए।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा