फरिहां आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। गांव-गांव जाकर कुश्ती की अलख जगा रहे हैं भगत सिंह अकैडमी के अध्यक्ष अमरजीत यादव। उन्होंने निजामाबाद और अमौड़ा मोहिउद्दीनपुर गांव के बच्चों में कुश्ती की अलख जगाया।
आज के दौर में जहां आधुनिक खेलों की चकाचौंध में परंपरागत खेल धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं, वहीं भगत सिंह अकैडमी के अध्यक्ष अमरजीत यादव ने गांव-गांव जाकर कुश्ती को फिर से जीवित करने का बीड़ा उठाया है। समाज में अखाड़ों की परंपरा अब केवल किताबों और किस्सों तक सीमित होती जा रही है, लेकिन अमरजीत यादव ने इसे केवल यादों में नहीं रहने दिया। वे निरंतर गांवों में जाकर बच्चों को कुश्ती का प्रशिक्षण दे रहे हैं और उनमें देशभक्ति, अनुशासन और शारीरिक मजबूती का संचार कर रहे हैं।
अमरजीत यादव का मानना है कि कुश्ती केवल एक खेल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत है। अगर आज हम इसे नहीं बचाएंगे तो आने वाली पीढ़ियां केवल इसके नाम से ही परिचित रह जाएंगी। गांवों के बच्चे आज एक बार फिर अखाड़े की मिट्टी में पसीना बहा रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का सपना देख रहे हैं। ये सब संभव हो सका है अमरजीत यादव के अथक प्रयासों और उनके समर्पण के कारण। समाजसेवी, खेल प्रेमी और ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुके अमरजीत यादव का यह योगदान न केवल खेल क्षेत्र में बल्कि समाज के सांस्कृतिक उत्थान में भी एक मिसाल बन रहा है।
रिपोर्ट-जयहिंद यादव