आवंटित भूमि पर मस्जिद बनाने का आरोप

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फूलपुर आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा सुदनीपुर के राजस्व गाव चकनुरी के गाटा सख्या 315 रकवा 1820 हेक्टेयर भूमि में वर्ष 2003 में सुदनीपुर गांव के गरीब बनवासी मुसहर जाति के सरन नन्द लाल करन कांमता पुत्र गण दुर्बल सन्तलाल पुत्र बखेडू सुमिरन भीखा सुरेश शंकर पुत्र जियालाल दिनेश पुत्र चन्द्रबली सतिराम पुत्र केसर सहित नव पात्रो का चयन कर 203 हेक्टेयर भूमि बृक्षारोपड के लिए आवंटन किया गया था उसी भूमि से सटे और पूर्व में इसी गाटा सख्या का आवंटन बृक्षारोपड़ नैयर आजम शाह आलम फ़करे आलम फसी आलम सहित डा. खालिक के पुत्रों के नाम आवंटित की गई थी जिसे प्रशासन द्वारा कैंसिल कर बनवासियो को आवंटित किया गया था।
मुस्लिम बन्धु सरकारी भूमि व आवंटित भूमि पर कब्जा के उद्देश्य से मस्जिद का निर्माण कराना शुरु कर दिया था। वर्ष 2003 में जिसका बनवासियो ने बिरोध किया। 2003 में तैनात रहे एसडीएम परवेज आलम ने भूमि का सीमांकन करा मस्जिद का निर्माण रुकवा दिया था क्योकि सरकारी भूमि में मस्जिद निर्माण का हिस्सा सम्मिलित था। दस बारह वर्षों तक मस्जिद का निर्माण रुका रहा वर्तमान में उसी भूमि पर मस्जिद का निर्माण दबंग भूमाफिया कराना शुरु कर दिए जिसके बिरोध में बनवासी मुसहर पुनः एसडीएम के यहां गुहार लगाई। राजस्व निरीक्षक सहित नायब तहसीलदार मौके पर सीमांकन करने पहुंचे पर निर्माण कार्य अभी तक बन्द नही हुआ न ही सरकारी आवंटित भूमि का सीमांकन हुआ। तहसीलदार आदि भूमाफियाओं का हिस्सा की नापी कर मस्जिद बचाने की जुगत में लगे रहे। बनवासी समुदाय को सन्तुष्ट नहीं कर सके। बनवासी मुसहर आवंटी कामता सरन गिरजा सतिराम अंगद का कहना है कि अगर नैयर आलम आदि की भूमि थी तो वर्षो पूर्ब सीमांकन के बाद निर्माण कार्य उपजिलाधिकारी द्वारा क्यों रोका गया था। उस समय सीमांकन में मस्जिद निर्माणाधीन स्थल कैसे सरकारी भूमि का हिस्सा बन गया था। आज उनकी भूमि का हिस्सा बना रहे लेखपाल। मुसहरों का कहना है कि हमारी पत्रवाली गायब कर दी गयी है। इन दबंग मुस्लिम परिवार की पकड़ का यह आलम है कि उद्पुर ग्राम पंचायत में वर्षो से अंत्येष्ठि स्थल का निर्माण कार्य रुका पड़ा है इन मुस्लिम दबंग परिवार की शिकायत पर किसी अधिकारी ने आज तक जानने की कोशिश नहीं की कि सरकारी पैसा लगाकर क्यों निर्माण कार्य नहीं कराया गया। इधर बनवासियो ने भी कमर कस ली है। हमारी सुनवाई नही हुई तो मुख्यमंत्री दरबार तक गुहार लगाएंगे। सरकार हमारा उत्थान करना चाहती है। इस सम्बंध में एसडीएम ने बताया कि मेरे सज्ञान में मामला है। सरकारी भूमि का सीमांकन करा आवंटियों को दिलाया जाएगा। भूमि सीमांकन तक कार्य रोकने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय

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