लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रमजान माह की आमद पर शनिवार से शुरू होने वाली तरावीह की नमाज की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। जहां विभिन्न मस्जिदों की सफाई की गई है, वहीं नमाज के समय में कुछ बदलाव किए गए हैं। इस संबंध में मस्जिदों में नए समय की घोषणा कर दी गई है और लोगों ने शनिवार को पहली तरावीह नमाज के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
रमज़ान में तरावीह एक विशेष इबादत है जो ईशा की नमाज़ के बाद अदा की जाती है। इस्लामिक विद्वानों का कहना है कि यह सुन्नत है और पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने स्वयं इसे अदा किया है तथा साथियों को इसका पालन करने के लिए उन्होंने प्रोत्साहित भी किया। स्थानीय क्षेत्र में आमतौर पर 20 रकात तरावीह अदा की जाती है। रमज़ान के दौरान तरावीह में पूरा कुरान पढ़ने व सुनने की कोशिश की जाती है। पुरुष आमतौर पर मस्जिद में तरावीह अदा करते हैं, जबकि महिलाएं इसे घर पर अदा करती हैं। तरावीह की नमाज में विनम्रता के साथ कुरान को सुनना और पढ़ना बहुत सवाब बताया गया है। पैगंबर मुहम्मद साहब ने कहा है जो व्यक्ति विश्वास और सवाब के इरादे से रमजान की रातों के दौरान जागता है (तरावीह पढ़ता है), उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद